2 से 3 साल के बच्चो को पढ़ाने का सही तरीका
2 से 3 साल के बच्चो को पढ़ाने का तरीका-सभी जानते है कि छोटे बच्चो को भगवान् का स्वरूप मानते है। ये बच्चे बहुत ही मासूम और चंचल दिल वाले होते है इनकी उम्र में कोई बंधन ,जिम्मेदारी, कोई दवाब नही होता है। बस नए खिलौने ,गुब्बारे ,बड़ी सी बॉल, गुड़िया ,गुड्डे आदि से खेलना बहुत पसंद होता है। खेल के साथ स्कूल भी भेजने की ये एक सही उम्र भी होती है।
पेंसिल पकड़ने का तरीका-पेंसिल पकड़ना सिखाने के लिए बच्चो को कला की किताब देनी चाहिए। बच्चो को रंगीन पेंसिल जो की विभिन्न प्रकार के बाजार में मिलते है। बच्चो को जरूर देना चाहिए जिससे वह रंग करे व् पकड़ना भी बताना चाहियें बहुत ही आसानी से पेंसिल को पकड़ना सीख जाते है । रंगो के साथ खेलना भी बच्चो को अधिक पसंद आता है।
पढ़ने में रूचि - छोटे बच्चो की पढ़ने में रूचि लेने के लिए इन्हे बहुत ही प्रेम से पेंसिल , रंगीन पेंसिल ,रंगीन किताबे भी बहुत ही अधिक मात्रा में मददगार साबित होती है खेल-खेल में बच्चो को हिंदी की कविता ,अंग्रेजी की कविता ,अ से ज्ञ तक हिंदी में ,A से Z तक अंग्रेजी में और 1 से 2० तक गिनती खेल- खेल में पढ़ाने में, बिना गुस्से किये पढ़ना चाहिए। एक से दो हफ़्तों में बच्चो को धीरे-धीरे रूचि आने लगती है
बच्चो को खेल-खेल में याद कराना -बच्चे बहुत ही मासूम होते है। बच्चो को खेल-खेल में ऊपर दिए गए(अंग्रेजी की कविता ,अ से ज्ञ तक हिंदी में ,A से Z तक अंग्रेजी में और 1 से 2० तक गिनती ) पढ़ाना व् याद कराना और सबसे अधिक जरूरी है बोल-बोल कर लिखना बताना चाहिए।अधिक जोर जबरजस्ती या डाटना नही चाहिए प्रेम के साथ ही पढ़ना चाहिए।
आपने जो भी पढ़ाया है उसे बच्चे से सुनाने या बताने को कहना चाहिए। वह थोड़ा सा भी यदि गलत सुनाये तो भी सराहना करनी चाहिए। 2 से 4 सप्ताह में ही आप देखेंगे की आपका बच्चा पढ़ना सिखने लगा है। आप 2 से 6 महीने में ही देखेंगे कि वह सीख गया है। आपको बेहद खुशी होगी।