जीवन में इतनी अशांति क्यों है ? | How To Find Peace In Life | Best Hindi Motivational Video

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जीवन में इतनी अशांति क्यों है ? | How To Find Peace in Life | Best Hindi Motivational Video - आज के इस भाग दौड़ भरे जीवन में मनुष्य ने उन्नति तो बहुत की है। लेकिन इसके साथ ही आप देख सकते हैं की ज्यादातर लोगो के जीवन में अशांति और दुःख है आप देख सकते है बहुत से लोग अपने जीवन में ,कार्य क्षेत्र में बहुत बड़े - बड़े अच्छे पद पर होने के बावजूद  भी उदास दिखाई देते है। अब प्रसन्न उठता है की मनुष्य के जीवन में इतनी अशांति क्यों है ? जीवन में शांति कैसे आये ? इसके लिए क्या किया जाय ? जीवन में अशांति के कौन -कौन से कारण है ?

 

(1) जब भी हमारे जीवन में अशांति होती है तो हमे लगता है की कोई और हमारे जीवन में अशांति पैदा कर रहा है। कोई भावी परिस्थिति हमारे जीवन में अशांति पैदा कर रही है। एक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा मिली और अपने experience के कारण अपने profishnal  में ऊँचे पद पर पहुंच company गए थे। लेकिन उनका स्वभाव काफी चीड़चिड़ा था। उनकी हमेशा अपने साथी से लड़ाई हो जाती थी इसी कारण से वे अक्सर companys बदलते रहते थे।

 

एक बार वे menejar का interview के लिए एक company में गए। Interview की टीम में वे कई लोगो से मिले तो chairman ने उनसे कहा की आपको यह पर कई लोगो से काम करवाना है। आप यह बताये की आप जिस last company में थे वह पर company के लोग कैसे थे ? Mrs  विमल ने कहा की यह कैसा प्रसन्न है ? इसका जॉब से क्या सम्बन्ध ? C O ने कहा की यह मेरे लिए जानना बहुत अनिवार्य है इसको जाने बिना मैं आगे नहीं बढ़ सकता। तब mrs विमल ने जबाब दिया की sir आप मेरे सामने उनका नाम भी मत लीजिये। बहुत ही दुष्ट लोग थे।

 

हमेशा मुझसे लड़ते रहते थे उनसब के कारण ही मैं यह आने के लिए मजबूर हुआ हूँ। अगर मुझे भविष्य में मौका मिला तो मैं उन सबको ठीक कर दूंगा।यह सुन कर c o ने कहा की हमारी कंपनी में उनसे भी ख़राब लोग है। मेरा तीस साल का अनुभव है। आप कही और ज कर तलाश करे। यहाँ के लोग तो इतने खराब है की आपको यह एक महीने भी काम नहीं करने देंगे। फिर इसके बाद आखरी candidete वह आया। CO ने उससे भी वही question पूंछा। आप ये बताइये की जिस कंपनी को छोड़ के आते है उसके लोग कैसे थे ?

 

इसपर उस व्यक्ति ने कहा की sir उस कंपनी के लोग बहुत ही अच्छे थे यदि अभी भी मुझे उन की याद आती है तो मेरी आँखों से आँशु जाते है किसी मजबूरी बस मुझे उस कंपनी और शहर को छोड़कर आना पड़ा। इतना सुनकर company के सीओ ने कहा की तुम्हारा इस company में स्वागत है मेरा तीस साल का अनुभव है की यहां के लोग वहां से भी अच्छे है। इस कहानी से हम यह बताना चाहते है दूसरे के प्रति और समाज के प्रति जैसा हमारा दृश्टिकोण होता हो वैसा ही हम देखते है।

 

शांति रखने के लिए हम अपने आस-पास की वजहों को बदलने में आप अपना समय गवा देते है  है पर अपने आप को बदलने की कभी भी नहीं सोचते है। अपने जीवन की प्रतिक्रिया को बदलने के लिए आपका ध्यान कभी भी नहीं जाता है। इसी बात को बताते हुए हम यह कह सकते है की आपके अपने जीवन के प्रति देखने का नजरिया दृश्टिकोण है जो अशांत करता है। वास्तव में जीवन को जीने के दो तरीके होते है। जीवन को जीने का पहला तरीका है आप के पास जो भी है उसी में आनंदित होना। हमारी बहुत ज्यादा इच्छाएं होती है उनपर नियंत्रण करना हमे आता है।

 

जीवन में आगे बढ़ने के लिएअपना कर्म करना होता है और कर्म करते जाते है और आगे बढ़ते जाते है  इसका मतलब ये हुआ की हम present में है और एक आनंदित जीवन जीते है और जीवन के हर पल को enjoy करते है। ऐसे ही व्यक्ति के जीवन में हमेशा शांति होती है। और जीवन को जीने का दूसरा तरीका है की जो हमारे पास नहीं है या जिसका आभाव है उसके लिए दुखी होना। ऐसे ही एक व्यक्ति के पास एक ओने सेट रूम था और वे बहुत ही दुखी रहते थे।

 

फिर कुछ समय बाद उन्होंने three room set  खरीद लिया और फिर भी वे husband और wife  फिर भी कुछ खास खुश नहीं दिखे।और पूछने पर उन्होंने बताया की वे एक बहुत बड़ा बांग्ला खरीदना चाहते थे लेकिन हम कुछ समय बाद हम बांग्ला खरीद लेंगे तो मैंने उनसे कहा की यदि आप इस घर में खुश नहीं है तो आप बड़े बांग्ला में भी खुश नहीं होंगे कुछ साल में उन्होंने बांग्ला खरीद लिया और जब उनसे मिले तब भी वद कुछ खास खुश नहीं थे क्योकि अब उनकी और भी इच्छाएं बढ़ गयी थी।

 

ऐसे ही एक और महानुभाव है जो की हमेशा ही खुश रहते है और उनके चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी झलकती ही रहती है। उनके चेहरे हमेशा आनंद और ख़ुशी संतुष्टि से दमकते ही रहते है मैंने उनसे कहा की आपका मन नहीं करता की आपके पास और भी बड़ा घर हो तो उन्होंने मुझसे कहा की अभी तो जो है उसी का आनंद ले रहे है और प्रयाश कर रहे हैऔर अपनी पूरी छमता से काम भी कर रहे है। जब मौका मिलेगा तो ले लेंगे और फिर उसका भी enjoy करेंगे।

 

तो यह कहना चाहते है की जीवन में जो भी है यदि हम खुश नहीं है तो भविष्य में और भी अधिक होने पर भी खुश नहीं होंगे और शांति भी नहीं मिलेगी। व्यक्ति के पास जो है यदि खुश नहीं है संतुस्ती नहीं है तो आगे भी अधिक होने पर भी वह खुश और आनंदित नहीं हो पायेगा। इसका मतलब ये है की ऐसा व्यक्ति भविष्य में जीता है और उसे शांति कभी भी नहीं मिल सकती। इसका मतलब है की जीवन में शांति पाने के लिए हमारा दृष्टिकोण और नजरिया ही है जिसके कारण ऐसा व्यक्ति जीवन में शांति संतुष्टि और सुख नहीं पाता।

 

जीवन का आनंद हमारे ही दृष्टि कोण पर ही निर्भर है। जीवन के दो पहलू होते है (1) अंधकार पूर्ण और (2) प्रकाश कोण निराश होने का मतलब है की हमने जीवन का अंधकार पूर्ण पहलू को अपना लिया है और अनजाने में ही हम अंधकार के पहलू में जीए ही चले जा रहे है और समय के साथ हमरा दृष्टि कोण negetiv हो गया है जो भी हमारे पास नहीं है उसके लिए परेशान होते ही रहते है। हम अपने आस-पास के लोगो को हम देखते रहते है की उसके पास है हमारे पास नहीं है।

 

हमारा समय तो इसी में नष्ट होता है हम सोचते है की हम sucssfull हो जाये उसी व्यक्ति के ही जैसे हो जाए पर ऐसा नहीं होता है और जो कुछ हमारे पास है और हम आनंदित होने के बजाये अशांति के माहौल में ही जीवन जीते ही रहते है।हमे अपने व्यक्तित्व को बदलने की आवश्यक है शांति जीवन में लाने के लिए हमे अपने आप को दुसरो से compare  नहीं करना चाहिए बल्कि अपना देखने का नजरिया बदलने चाहिए और  जीवन को ख़ुशी ,आनंद , संतुष्टि और शांति से परिपूर्ण जीवन जीना चाहिए।

 

हमे जीवन को शांति पूर्ण जीने के लिए हमे अपने व्यक्तित्व को ठीक करने की जरूरत है दूसरा हमे जीवन के प्रकाश पूर्ण पहलू को देखना होगा। जो चीज हमारे पास है उसी में संतुष्टि और आनंदित होना चाहिए। जीवन के प्रति pasitiv  atitude रखना होगा। जो हमारे पास नहीं है उसके बारे में सोच कर परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस अपना कर्म करते जाना है। तीसरा हमे दुसरो लोगो से compitition नहीं करना है किसी से तुलना नहीं करनी है। इसके लिए हमे अपना मूल स्वभाव पहचानना होगा। क्योकि हमारा स्वभाव उन लोगो से अलग है जिसके साथ हम compare कर रहे है।

 

तब हम दुखी ही नहीं होंगे और हमारा स्वभाव औरो से अलग है।हम दुसरो के जैसे नहीं हो सकता है जैसे की राम एक ही है और दूसरे राम नहीं हुए है। आप अपने आप में अलग है आप जैसे कोई नहीं है ।

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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