ट्रैक्टर रैली बेकाबू | जबरदस्त हंगामा | तय रास्ते से हटकर दिल्ली में घुसे किसान -
ट्रैक्टर रैली बेकाबू | जबरदस्त हंगामा | तय रास्ते से हटकर दिल्ली में घुसे किसान - टिकरी बॉर्डर पर सबसे पहले बैरिकेट तोड़े गए किसानो ने जबरदस्त हंगामा किया और ट्रेक्टर रैली जैसे ही आगे बढ़ी है सबसे पहले पुलिस के बैरिकेट तोड़ने शुरू किये गए। और दिल्ली की तरफ तेजी से आगे बढे। तीनो रूट्स जिस पर किसानो को इजाजद मिली थी और जैसे -जैसे आगे बढे और किसानो का हंगामा देखने को मिला। ट्रेक्टर परेड शांति पूर्ण होगी पिछले तीन दिन से पुलिस के साथ जो बात - चीत चल रही थी जो rut plan को लेकर बात- चीत चल रही थी।
उसके मुताबिक किसानो ने यही कहा था की शांति पूर्ण ढंग से ही हम परेड को निकालेंगे और दिल्ली में हो रहे गणतंत्र दिवस , लालकिले पर होने वाले परेड और पर्व से हमारा कोई लेना - देना नहीं है। इसीलिए सहमति बनी ruts को लेकर। इतनी बात चीत के बाद भी इतना बवाल क्यों ? क्या कारन हो सकता है ? सब कुछ तय था किसानो की तरफ से भी सहमति तय थी फिर ऐसा क्यों हुआ ?जब जवानो की परेड खत्म होने के तुरंत बाद किसानो की परेड शुरू हुई।
किसानो ने कहा था की हम दिल्ली में ही परेड करेंगे। दिल्ली तक कुच करने की इजाजत हमें मिले और दिल्ली पुलिस लगातार बात - चीत कर रही थी की आपका रूट प्लान क्या होगा और आप किस तरीके से आप ट्रेक्टर रैली करेंगे। क्योकि दिल्ली में गणतंत्र दिवस में सुरक्षा व्यवस्था होती है गणतंत्र दिवस के पर्व के कारण। लेकिन किसानो को कुछ ruts पर इजाजत मिली और किसानो को तीन रूट्स दिए गए। सिंधु बॉर्डर से लेकर ,टिकरी बॉर्डर से लेकर ,और गाजी पुर बॉर्डर से लेकर अलग - अलग रूट्स पर जाने की इजाजत दी गयी।
लेकिन सब कुछ पहले से ही तय था तो सवाल होता है की फिर ऐसा क्यों हुआ ?पुलिस के रोकने पर भी किसानो की भीड़ बैरिकेट को तोड़ते हुए आगे की और बढ़ती ही जा रही थी लेकिन पुलिस लगतार रोक रही थी लेकिन किसान क्यों मानते किसान तो पहले से ही तैयार होकर आये थे घोड़े ,तलवार ,भला और पत्थरो के साथ। यदि किसानो ने पहले से ही तैयारी नहीं की तो इतने पत्थर उनके पास कहा से आये उन्होंने पुलिस के तैनात होते हुए और बैरिकेट तोड़ते हुए आगे कैसे बढे ? सोचने की बात है की देश का किसान रूप ऐसा कैसे हो सकता है ?
किसान लगातार अपनी मर्जी चला रहे है और पुलिस लगतार अपील कर रही है की शांति से अपने बताये गए ruts पर ही जाये और किसानो ने किसी की भी न मणि और बैरिकेट हटा दिए और सिक्खो का जत्था एक भयानक रूप लेने लगा और किसान उपद्रवी दिखने लगे। अतः हम कह सकते है की ये किसान आंदोलन एक उग्र रूप ले चुका है। दिलाई पुलिस लगातार अनाउंसमेंट कर रही है की आपके किये जो ruts तय हुआ है आप कृपा करके उसी ruts पर ही जाये।
गणतंत्र दिवस के दिन किसानो ने एलन किया था की वे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार के MSP पे जो गारंटी है उस मांग को लेकर। किसान दो ढाई लाख ट्रेक्टर को लेकर किसान ने अपनी परेड निर्धारित समय से पहले ही शुरू किया और बवाल भी मचाया। घुड़ सवार और ट्रेक्टर की लम्बी कतार आगे की तरफ बढ़ती ही जा रही है और बॉर्डर टिकरी बॉर्डर से ही किसान दिल्ली के लिए ही निकले थे जब की किसानो को नागलोई से ही मुड़ना था लेकिन किसानो ने पुलिस की न मानते हुए ,धमाचौकड़ी और उपद्रव करते हुए दिल्ली में पहुंचे।