ताज महल के अंदर क्या है जानें ताज महल का रहस्य ?
ताज महल के अंदर क्या है जानें ताज महल का रहस्य ? - ताज महल की गिनती विश्व के सात अजूबों में की जाती है | ताज महल का निर्माण एक मुग़ल बादशाह ने नई पत्नी मुमताज अहल की याद में करवाया था |यही मुमताज अहल का मकबरा भी है |यदि आप ताजमहल को ध्यान से देखे तो मिलता की ताज भारतीय, पर्शियन और इस्लामिक वास्तुशिल्पीय शैली के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है।ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1653 तक चला था |बताया ता है की हजारो शिल्पकारों ,कारीगरों और संगतराशों ने इस बेमिशाल इमारत को बनाने में योगदान दिया है |
ताजमहल का निर्माण - सफेद संगमरमर से बना ये मकबरा वर्गाकार नीव पर आधारित है। जो महराब रूपी गुम्बद के नीचे है स्थान तक आने के लिए आपको एक वर्गाकार गेट से होकर गुजरना होगा |ताजमहल की एक खास बात यह भी है की इसे 40 मीटर ऊंची सममितीय मीनारों से सजाया गया है।हर इमारत की तरह ताजमहल के भी कुछ खास रहश्य है। ताजमहल के विषय में लोगो की अलग - अलग मान्यताये है कुछ इतिहास कारो का मानना है की ताजमहल शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की निशानी बताया जाता है।
दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल को पूरी दुनिया से प्यार मिलता है। हर साल यहाँ लाखो लोग टूरिस्ट घूमने आते है। जितना ये ताजमहल अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। उतना ही यह अपने आप में रहस्यमयी भी है
(1) सबसे पहली बात जिसका आज तक कोई खुलासा नहीं हुआ है वो ये है की ताजमहल की छत पर एक छेद है। छत से टपकती बून्द के पीछे कई रहस्य छिपे है जिसमे सबसे प्रचलित यह है की जब ताजमहल बनने के बाद जब शाहजहाँ ने जब कारीगरों के हाँथ काटने की घोसणा की ,तो कुछ मजदूरों ने इसे पूरा करने के बावजूद भी कमी को छोड़ दी थी। जिससे शाहजहाँ का एक इमारत बनने का सपना अधूरा रह गया था ।
(2) कहा जाता है की जिन मजदूरों ने ताजमहल बनवाया था। शाहजहाँ ने उनके हाँथ कटवा दिए थे।लेकिन कुछ विद्वानों का कहना है की ताजमहल को बनवाने के बाद कई इमारतों को बनवाने में उन लोगो ने भी अपना योगदान दिया था। जिन्होंने ताजमहल बनवाया था “उस्ताद अहमद लाहौरी” उस दल का हिस्सा थे। जिन्होंने ताजमहल जैसी इमारत का भव्य निर्माण किया था। और “उस्ताद अहमद लाहौरी” की देख - रेख में ही लालकिले का निर्माण शुरू किया गया।
(3) उस ज़माने में जब कोई भी किले का निर्माण किया जाता था तो बाहर निकलने का भी गुप्त रास्ता बनाया जाता था। ताकि किसी युद्ध के समय या विपत्ति के समय गुप्त रस्ते से बाहर निकला जा सके। और ऐसा ही रास्ता ताजमहल के अंदर भी है। कहा जाता है की इसके नीचे से एक गुप्त रास्ता भी है जो की कही और बाहर निकलता है। लेकिन और भी तहखानों की तरह उस रस्ते को भी कोई ढूंढ नहीं पाया है।लेकिन और रहस्यमयी तहखानों की तरह उस रास्ते को भी शाहजहां के समय से ही बंद करवा दिया गया।
ताजमहल के नीचे हजारो से भी अधिक कमरे बने हुए है इसे आज भी निर्माण कुशलता का एक कहा जाता है शोध कर्ताओ ने इस पर कई तरह के शोध किये है। उनका मानना है की ताजमहल के नीचे हजारो कमरे है और मानना है की ताजमहल जितना बाहर ऊँचा है उतना ही अंदर से भी उतना ही गहराई बनाया गया था।
पानी का श्रोत - बताया जाता है की ताजमहल के नीचे पानी का भी श्रोत भी है लेकिन यह किसी को भी नहीं पता की यह पानी का श्रोत आया कहा से है। इस मुद्दे पर तर्क देते हुए इतिहासकारो का तर्क यह भी है की यह पानी का स्रोत तब का है जब यहाँ शिव मंदिर हुआ करता था।कहा जाता है की इस बेमिशाल इमारत के पीछे कई सवालिया निशान लगे हुए है जिनकी परते शयद ही कभी हट पाए।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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