मेहनत कभी बेकार नहीं जाती | Hard Work Never Goes In Vain
मेहनत कभी बेकार नहीं जाती - जिंदगी में किया गया कोई भी काम या मेहनत बेकार नहीं जाती। हम जितनी भी महंत करते है उसका प्रतिफल किसी न किसी रूप में अवश्य मिलता है। यही सत्य है।
फर्क सिर्फ इतना है की कुछ व्यक्ति इस बात पर विश्वास करते है की "मेहनत कभी बेकार नहीं जाती "अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तबतक प्रयास करते रहते है जब तक की लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते। वही दूसरी और कुछ व्यक्ति जल्दी ही हार मान लेते है। और प्रयास करना बंद कर देते है यही सफलता और असफलता के बीच का फर्क है ,जिसे हम विश्वास या अविश्वास कह सकते है। क्योकि सारा खेल विश्वास का ही होता है।
विश्वास पत्थर को भगवान् बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाये इन्सान को भी पत्थरदिल बना सकता है।
महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन बहुत ही महंती एवं जुझारू प्रवर्ति के व्यक्ति थे। बचपन में ही उन्हें स्कूल से मंदबुद्धि बालक कह कर निकाल दिया गया था। उन्ही थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण अविष्कार किये ,जिसमे से "बिजली का बल्ब" प्रमुख है। उन्होंने बल्ब का अविष्कार करने के लिए हजारो बार प्रयोग किये। तब उन्हें जाकर सफलता मिली थी।
एक बार जब बल्ब बनाने के लिए प्रयोग कर रहे थे तब एक व्यक्ति ने पूछा - " आपने करीब एक हजार प्रयोग किये लेकिन आपको सारे प्रयोग असफल रहे आपकी मेहनत बेकार हो गयी। क्या आपको दुःख नहीं होता ?"
एडिसन ने कहा - मैं नहीं समझता की मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है। मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी क्योकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया की इन एक हजार प्रयोग से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। मेरा हर प्रयोग ,बल्ब बनाने की हर प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है। और मैं अपने हर प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ।"
कोई भी सामान्य व्यक्ति होता है वह जल्दी ही हार मान लेता है, लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास लगातार जारी रखे और हार नहीं मानी। आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लायी और उन्होंने आखिकार बल्ब का अविष्कार कर के पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।
यह थामस एडिसन का विश्वास था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया। और पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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