आखिर क्यों भगवान विष्णु चार महीने तक सोते रहे ? रहस्य क्या है ?
आखिर क्यों भगवान विष्णु चार महीने तक सोते रहे ? रहस्य क्या है ? - माना जाता है की भगवान् विष्णु साल में चार महीने के लिए सो जाते है।लेकिन विष्णु जी के चार महीने सोने का रहश्य बहुत ही कम लोग जानते होंगे। भगवान् विष्णु आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादसी के दिन चार महीने के लिए सो जाते है इन दिनों कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसीलिए इन दिनों शादी, मुंडन ,जनेऊ ,माकन की नीव डालने का काम बिलकुल नहीं करना चाहिए।
पुराणों में बताया गया है की बलि नाम के राजा ने तीनो लोको में अपना ही राज चला रखा था, या कब्जा कर लिया था। इसलिए भगवान् इन्द्र घबराकर विष्णु जी के पास गए और उनसे मदद मांगी। देवराज इन्द्र के द्वारा विनती करने पर विष्णु जी ने “बामन” अवतार लिया। फिर राजा बलि से दान मांगने पहुंच गए। विष्णु जी ने बामन रूप में तीन पग जमीन दान में मांगी। महाराज बलि ने उन्हें तीन पग जमीन देने को कहा दिया। फिर भगवान् बामन ने विशाल रूप धारण करके दो कदम में धरती और आकाश नाप लिया।
फिर राजा बलि से कहा की "तीसरा कदम कहा रखु। " महाराज बलि ने कहा की उनके सर पर रख दे। भगवान् विष्णु ने महाराज बलि का घमंड तोडा और तीनो लोको को बलि से मुक्त करा दिया। राजा बलि की दानशीलता और भक्ति भाव को देखकर भगवान् विष्णु बहुत प्र्सन हुए तथा उन्होंने बलि से वरदान मांगने को कहा। महाराज विष्णु ने वरदान में माँगा की आप मेरे साथ पाताल लोक तक चले।हमेशा वही निवास करे। भगवान् बलि को उसकी इच्छा का वरदान दिया।
महाराज बलि के साथ पाताल लोक चले गए। ये देखकर सभी देवी - देवता और लक्ष्मी जी परेशान हो गयी। देवी लक्ष्मी भगवान् विष्णु को पाताल लोक से वापस लाना चाहती थी। इसीलिए देवी लक्ष्मी ने गरीब औरत का रूप धारण किया और महाराज बलि के पास पहुंच गयी।और राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। और बदले में भगवान् विष्णु को पाताल लोक से मुक्ति करने का वचन ले लिया। भगवान् विष्णु अपने भक्त को निराश नहीं करना चाहते थे।
इसीलिए उन्होंने बलि को वरदान दिया वो हर साल आषाढ़ मॉस की शुक्ल पक्ष की एकादसी को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकदशी तक पाताल लोक में रहेंगे। यही वजह हा की भगवान् विष्णु साल में चार महीने तक योग निंद्रा में रहते है। भगवान् विष्णु का बामन रूप पाताल लोक में रहेंगे। कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष की एकादसी को जब भगवान विष्णु जागे तो सभी देवी देवताओं ने भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती की। इस कारण ही इस दिन देव दिवाली मनाने का रिवाज प्रचलित हुआ।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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