Dev Uthani Ekadashi :जीवन के हर एक कष्ट को दूर करता है देव उठनी एकादशी व्रत, जानिए इसके लाभ
Dev uthani Ekadashi :जीवन के हर एक कष्ट को दूर करता है देव उठनी एकादशी व्रत, जानिए इसके लाभ - उत्तर भारत के राज्यों में कई भक्त तुलसी विवाह या भगवान शालिग्राम और पवित्र तुलसी के पौधे का विवाह करते हैं। इस दिन मंदिरों की सजावट की जाती है।दीपावली के बाद एकादशी को देव उठान एकादशी मनाई जाती है। इस एकादशी का खास महत्व होता है।इसको देवोत्थान एकादशी, देव प्रभोदिनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन से हिंदू धर्म में शुभ काम शुरू होते हैं। इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन निर्जल या केवल जलीय पदार्थों पर उपवास रखा जाता है। यदि इस दिन उपवास न रख सके तो प्याज और लहसुन, मॉस, बासी चावल आदि का भी प्रयोग न करे। एकादसी के व्रत को करने से मिलने वाले लाभ इस प्रकार है -
(1) पाप हो जाते हैं नष्ट - माना जाता है की देव उठान एकादसी व्रत रखने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है ,अशुभ संस्कार भी दूर होते है अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
(2) तुलसी पूजा - इस शुभ दिन शालीग्राम के साथ तुलसी मां का विवाह हुआ था। ऐसे में इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है। कहते हैं धूमधाम के साथ इस दिन तुलसी पूजा करने से सभी दोष दूर होते हैं। तुलसी दल अकाल मृत्यु से बचाता है.शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है।
(3) विष्णु पूजा - इस दिन भगवान विष्णु की उपासना का भी खास महत्व है. इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः “मंत्र का जाप भी अगर केवल किया जाता है तो लाभ प्राप्त होता है।
(4) चंद्र दोष - कुंडली में चन्द्रमा के कमजोर होने की स्थिति में जल और फल खाकर या निर्जला व्रत एकादशी का उपवास जरूर रखना चाहिए। व्यक्ति यदि सभी एकदशियों में उपवास रखता है तो उसका चंद्र सही होकर मानसिक स्थिति भी सुधर जाती है।
(5) कथा श्रवण या वाचन - इस दिन पूजा पाठ के बाद में एकादशी के व्रत की कथा को सुनने का भी बहुत ही महत्व है। कथा को सुनने से पपो का भी नाश होता है। शुभ फल भी मिलता है।
(6) अश्वमेघ एवं राजसूय यज्ञ का फल - कहा जाता हैं कि देवोत्थान एकादशी का व्रत करने से हजार अश्वमेघ एवं सौ राजसूय यज्ञ का फल मिलता है।
(7) पितृदोष से मुक्ति - पितृदोष से पीड़ित लोगों को इस दिन विधि विधान के साथ व्रत करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन पूजा आदि करने से रुठे हुए पितरों खुश हो जाते हैं और आप दुखों से छुटकारा पा सकते हैं।
(8) भाग्य हो जाता जागृत - देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी का व्रत करने से भाग्य जागृत होता है। देव उठान एकादसी का व्रत रखने से भाग्य भी उदित होता है।
(9) धन और समृद्धि - पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति देव उठान एकादसी व्रत को रखता है उसे कभी भी जीवन में कोई भी या किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है। व्रत करने वाले के जीवन में सदा धन समृद्धि भी बानी रहती है।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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