गणेश जी का विसर्जन कब और क्यों किया जाता है ?
गणेश जी का विसर्जन कब और क्यों किया जाता है ?
गणेश चतुर्थी को जब गणेश जी की स्थापना का विधान है जितनी प्रसन्नता पूर्वक इनकी स्थापना एक पंडाल,घर,दुकान पर की जाती है उसी प्रकार प्रसन्ता पूर्वक एक दिन,तीन दिन ,पांच दिन या दस दिन तक पूजा की जाती है इसमें पूजा करते समय श्री गणेश जी को उनके ही पसंद का भोजन या प्रसाद के रूप में लड्डू ,मोदक, बेसन के लड्डू ,बूंदी के लड्डू, केले व् विभिन्न प्रकार के फल, सुगंड़ित धुप, अगरबत्ती, फूलो की माला ,फूल आदि भी अर्पण किये जाते ह। पूजन के बाद जैसी खुशी आने की होती है उतनी ही ख़ुशी उल्लाश के साथ विदाई भी की जाती है
विसर्जन क्यो करते है - धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार श्री वेद व्यास जी ने गणेश चतुर्थी के पहले दिन से महाभारत की कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी जिसे सुनकर श्री गणेश जी ने लिखा था।दिनों रात श्री वेद व्यास जी ने अपनी आंखे बंद किये ही दस दिन तक लगातार कथा सुनाते रहे गणेश जी दिन-रात बिना रुके महाभारत की कथा को बराबर लिखते रहे। जिसके कारण गणेश जी के शरीर का ताप अधिक बढ़ गया। बढ़े हुए ताप को शीतल करने के लिए यह विसर्जन का विधान है
जब श्री वेद व्यास जी ने अपनी आँखे खोली तब गणेश जी के शरीर का ताप अधिक बढ़ा पाया। तब श्री वेद व्यास जी ने सुगन्धित मिटटी का लेप बनाकर गणेश जी को पुरे शरीर पर किया और मिटटी के सूखने पर जा वह अपने आप झड़ने लगी तब गणेश जीके सरीर पर अकड़न होने लगी। अकड़न को हटाने के लिए पास के सरोवर में स्नान कराया। जिसके कारण गणेश जी को आराम मिला। इसलिए गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है।
1 Answer
गणेश जी को कभी भी विदा नहीं करना चाहिए क्योंकि विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हारेगा
ओम एकदंताय नमो नमः
क्या कभी सोचा है गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों? अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं । और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। आप सब से निवेदन है कि आप गणपति की स्थापना करें पर विसर्जन नही विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता हैं। क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे। वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही इनके रहने से लालबाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया । तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
अब रही बात देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं। और घर के मालिक को कभी विदा नही करते वहीँ अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन मे बचा ही क्या। हम बड़े शौक से कहते हैं गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी मे बहा दिया। तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे,किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया।
आप भगवान शिव की संतान हो और आप भी इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करें.