जिंदगी बनानी है तो चुनौती को स्वीकार करो

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जिंदगी बनानी है तो चुनौती को स्वीकार करो -हर व्यक्ति अपने जीवन में प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहता है। सफलता ‍ सिर्फ  संयोग नहीं बल्कि यह हमारे दृष्टिकोण का परिणाम है। लेकिन हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि जिन लोगों ने मुसीबतों को झेला है वे उन लोगों की तुलना में कही अधिक आत्मविश्वास से भरे हैं जिन्होंने कभी मुसीबतों का सामना ही नहीं किया| जीवन में यदि सफल होना है तो चुनौती को स्वीकार करना ही समझदारी है आपने सुना ही होगा एक बहुत पुरानी कहावत है –

"काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब ।। पल में प्रलय होयगी , बहुरि करोगे कब "

Success

 "एक शांत समुद्र में नाविक कभी कुशल नहीं बन पाता। एकाग्रता से सम्पन्न होने वाले कर्म में कौशल आ जाता है और कुशलता युक्त कर्म योग बनता है।"

 

मुश्किलें हर सफल व्यक्ति के जीवन में आती है पर सफल होता वही है जो मुस्किलो का डटकर मुकाबला करता है। ईश्वर ने  मुस्किलो का सामना करने की शक्ति सभी को दी है पर सभी व्यक्ति मेहनत से डरते है जिस प्रकार "सोना तप कर खरा होता है" उसी प्रकार इंसान भी चुनोतियो व् मुस्किलो की आग में ही  तप कर वह  हीरा के समान हो जाता है

 

जीवन में मिलने वाली हर असफलता के बाद हम स्वयं से पूछें कि इस घटना से मैंने क्या सीखा? तभी हम अपने रास्ते की रूकावटों को सफलता की सीढि़यों में बदल पाएँगे। हममें से प्रत्येक के भीतर कई गुण हैं और जो गुण नहीं हैं उनका भी विकास किया जा सकता है। आवश्यकता है केवल अपने गुणों को पहचानने की। जब हमें अपने गुणों का एहसास होता है तो हमारी शक्ति निश्चित रूप से बढ़ जाती है। इसलिए असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार कर। सफलता पाने के लिए जूनून का होना जरूरी है  कोई भी काम असंभव नहीं है यदि इच्छा शक्ति हो तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा सकता है

 

 

Success

 

"हाथो की लकीरों पर यकीन मत करना,तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते "

 

 

 हम अपने रास्ते की रूकावटों को सफलता की सीढि़यों में बदल पाएँगे। हममें से प्रत्येक के भीतर कई गुण हैं और जो गुण नहीं हैं उनका भी विकास किया जा सकता है। आवश्यकता है केवल अपने गुणों को पहचानने की। जब हमें अपने गुणों का एहसास होता है तो हमारी शक्ति निश्चित रूप से बढ़ जाती है। इसलिए असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो। क्या कमी रह गई, देखों और सुधार करो। क्योंकि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

 

 

                           "लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।

                       कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होत।।

                          नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है।

                        चढ़ती दीवारों पर, सो बार फिसलती है

                         मन का विश्वास रगो में साहस भरता है

                     चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना न अखरता है

                      आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती 

                    कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होत।।"

 

जो व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी असफल नहीं हुआ वो कभी भी महान नहीं हो सकता क्योंकि बिना श्रम एवं त्याग के अगर हम कुछ पाते हैं तो हमको उसकी कीमत पता नहीं होती। किसी ने सही ही कहा है कि रख हौसला वो मंजर भी आयेगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा। थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर मंजिल भी मिलेगी, और मिलने का मजा भी आयेगा। अपनी जिंदगी में जो लोग असफलता से डर कर बैठ जाते हैं वे अपनी जिंदगी में कभी भी सफल व्यक्ति नहीं कहें जा सकते। हमें अपनी मंजिल को पाने के लिए निरन्तर आगे ही बढ़ते जाना चाहिए। क्यों डरें कि जिंदगी में क्या होगा, हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा होगा। बढ़ते रहें मंजिलों की ओर हमें कुछ न भी मिला तो क्या? नयी सीख तो मिलेग।

 

 

हम मकान बदलते हैं, वस्तुयें बदलते हैं, स्वादिष्ट भोजन करते हैं, कपड़े बदलते हैं, फिर भी दुखी रहते हैं क्योंकि  हम अपना स्वभाव नहीं बदलते। समुद्र का पूरा पानी एक जहाज को तब तक नहीं डुबा सकता जब तक वह उसके अंदर प्रवेश नहीं करता इसी तरह दुनियाँ की सारी नकारात्मकता आपको तब तक विचलित नहीं कर सकती जब तक आप स्वयं उसे अपने मन में हावी नहीं होने देते। असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो। कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इसलिए जब तक हम सफल न हो जायें तब तक हमें निरन्तर पूरे मनोयोग से प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि मैदान में डटे रहने से ही जीत होती है।

 

 

"बह चली उस काल कुछ ऐसी हवा, वह समुन्दर ओर आयी अनमनी।

एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला, वह उसी में जा पडी मोती बनी ।।"

 

विश्व में जितने भी महापुरुष हुए हैं, उन्होंने नाना प्रकार के अवरोधों और संघर्षों का सामना किया है। जिस प्रकार अग्नि में तपने से सोने की आभा में नया निखार आता है, उसी प्रकार संघर्षों की आग में उनका आभामंडल और अधिक तेजस्वी और प्रभावशाली हो जाता है। आज हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास चाहता है। इसके लिए सहना और तपना जरूरी है। अंग्रेजी भाषा का प्रसिद्ध वाक्य है-‘फस्र्ट डिजर्व, देन डिजायनर पहले योग्य बनो, बाद में सफलता की कामना करो। जीवन में बहुत कुछ बेहतरीन होना बाकी है। कई खूबसूरत लम्हे रास्ते में हमारी प्रतीक्षा में हैं। हमारी कई उम्मीदों को अभी उड़ान भरनी है। कई अजूबों से मुलाकात होनी है। कई सुख बाहें फैलाए खड़े हैं। पर समस्या यह है कि हम सूधबूध खोकर जिए जा रहे हैं। दुनिया हमारी ओर मुंह किए खड़ी है और हम कहीं और ही उदास-निराश बने खड़े हैं। अपने भरोसे को मजबूत बनाएं, दुनिया में बहुत कुछ आपके लिए है।

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