जिंदगी में अपनी तुलना किसी से मत करना | जिंदगी में कभी भी किसी से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए
जिंदगी में अपनी तुलना किसी से मत करना-जिंदगी में कभी भी किसी से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए यह उतना ही सत्य है जितनी की एक जिंदगी। हर इन्सान को ईश्वर ने कुछ न कुछ सोच कर ही बनाया है इस जिंदगी को मेहनत कर के सवांरना चाहिए। एक बहुत पुरानी कहानी प्रसिद्ध है जो की इस प्रकार है-
जीवन बहुत सुंदर है इसे और सुंदर बनाओ।
मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे
दिल ऐसा रखो कि किसी को दुःखी न करे
स्पर्श ऐसा रखो कि किसी को दर्द न हो
रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अंत न हो
एक कौआ था। सभी जानते है की उसका रंग काला ही होता है और सभी पक्षियों को देखता है तो उसे सभी बहुत अच्छे लगते थे एक बार की बात है की एक साधु जंगल से होकर निकल रहे थे। उनके गाल पर एक बून्द पानी की टपकी। उन्होंने ऊपर देखा की एक कौआ रो रहा था। तभी साधु ने कौआ से पूंछा की "क्या बात है तुम क्यों रो रहे हो"। कौआ बोला-"क्योकि मेरा रंग काला है इसलिए"। साधु बोले -"क्यों ? इसमें क्या बुराई है"। कौआ बोला-" बुराई ही बुराई है ,इसमें क्या अच्छाई है। "
तब साधु ने कहा-"बता क्या बनना चाहते हो बताओ ?आज मैंतुझे बना देता हूँ।" कौआ ने कहा -"कि देखो हंस कितना सुन्दर है बिलकुल सफेद। कितना प्यारा रंग है मुझे वही बना दो। मैं हंस बनना चाहता हूँ ।" साधु ने कहा ठीक है लकिन एक शर्त है साधु ने कहा- पहले जा और हंस से पूछ कर आ की तुम कितने अच्छे हो और क्या मस्त पानी में तैरते हो तुम कितने सुन्दर हो। सभी लोग तुम्हारी फोटो भी खींचते है तुम्हारी जिंदगी कितनी अच्छी है। "
हंस बोला -"की ये रंग भी कोई रंग है जो की मरने बाद का रंग है जब कोई फोटो खींचते है तो पता ही नहीं चलता कि मेरी खींच रहे है या पानी की। ये भी कोई जिंदगी है। " तब कौआ पूछता है-" तुम्हारे हिसाब से किसकी जिंदगी अच्छी है? किसका रंग सबसे सुन्दर है? "तभी हंस ने कहा -कि सबसे अच्छा और सुन्दर है तोता की जिंदगी। कितना प्यारा है उसका रंग। "तब कौआ साधु के पास आता है और कहता है की “तोता की जिंदगी ही सबसे अच्छी है और मुझे तोता बना दो। "
फिर साधु कहते है की "अब तुम जाकर तोता से भी पुछकर आओ। मैं फिर तुम्हे तोता ही बना दूंगा।" कौआ ने कहा-"ठीक है" तब कौआ तोता के पास जाकर कहता है- कि तुम्हारी जिंदगी कितनी अच्छी है तुम्हारी चोंच कितनी प्यारी है लाल रंग की और तुम्हारा रंग भी बहुत सुन्दर है कितना प्यारा रंग है लोग तुम्हे पालते है मिट्ठू- मिट्ठू कहकर बुलाते है कितने अच्छे से खिलाते है तुम फल भी खाते हो।"तब तोता कहता है- " ये भी कोई जिंदगी है हरा रंग भी कोई रंग है हरे पत्तो जैसा। पेड़ पर बैठता हूँ तो दीखता ही नहीं हूँ ये भी कोई जिंदगी है। "
कौआ बोला -तो तुम खुश नहीं हो तब कौन खुश है ?" तोता बोला मोर। मोर ही सब पक्षियों में खुश है अच्छा तब कौआ दौड़ कर साधु के पास जाकर बोला-" मोर की जिंदगी है।" सबसे अच्छी है। " तब साधु ने कहा -की मोर से पूछ कर आओ फिर मैं तुम्हे मोर बना दूंग। " कौआ दौड़ कर मोर को ढूंढने लगा और जाकर कहता है -" मोर तुम्हारी जिंदगी सबसे अच्छी है तुम कितने सुन्दर हो तुम्हारे पंख कितने सुन्दर है। सुंदरता में तुम्हारा तो कोई जबाब ही नहीं है तुम्हारी क्या बात है? कितनी शान है तुम्हारी। जब तुम नाचते हो तो बहुत सुन्दर लगते हो तुम्ही सबसे खुश रहने वाले पक्षी हो।
मोर बोला- " तुमसे किसने कहा की "मैं खुश हूँ। मेरे जितना कोई दूसरा दुखी नहीं हो सकत।? कौआ बोला कैसे ?तब मोर ने कहा - सुन मैं सुन्दर हूँ तो लोग मेरे पंखो को नोचते है तथा में हमारे पंखो को पूरे देश में बेचा जाता है हमे अपने अगले पल की जिंदगी का पता नहीं की कब कोई हमे मार दे इन पंखो की वजह से। "तब कौआ बोला- "तो फिर कौन खुश है मुझे बताओ।" मोर ने कहा- "मेरे दोस्त तुम ही सबसे खुश हो मेरी नजर में क्योकि कोई तुम्हे किसी भी कारण से मारने की नहीं सोचता है तुम्हारी जंदगी सबसे अच्छी है।
जीवन में कभी किसी से
अपनी तुलना मत करो
आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं
ईश्वर की प्रत्येक रचना सर्वोत्तम है