What Is Meditation | A Basic Meditation For Beginners | मैडिटेशन या ध्यान क्या है?
What is meditation | A Basic Meditation for Beginners | मैडिटेशन या ध्यान क्या है? ध्यान कैसे करे?- हम meditation में ध्यान क्यों करते है ? meditation का मतलब होता है की present में रहना। मतलब है मन को present में रखना। जो लोग कहते है की मैडिटेशन या मन को ध्यान में रखना क्यों इतना emportent है।
https://www.youtube.com/watch?v=YAqnfJM7jWM
हमारा मन present में रहता ही कब है मन तो past की कल्पनाओं में या future की स्मृति में रहता है कह सकते है की मन जो हो चुका है वह सोचता है या फिर जो होने हम future में करना चाहते है बस उसके बारे में ही सोचते रहते है। जागरूकता हमारा ध्यान कभी भी present में नहीं रहता है।आपने notes किया होगा की हमारे मन में एक साथ कितनी साड़ी बाते चलती ही रहती है मन कभी भी resent नहीं रहता है कुछ न कुछ चलता ही रहता है।
मन मष्तिस्क में कोलाहल सा बना ही रहता है हम नहीं चाहते है फिर भी यह चलता ही रहता है और हम कही न कही खोये रहते है। मन के present में न होने के कारण कभी- कभी तो हम अपने आप में ही खोये रहते है जिससे की हम जो भी काम करते हो उस स्वचालित मशीन के प्रकार ही काम करते है। इसका मतलब ये हुआ की हमारा ध्यान किसी भी काम को करते समय present में नहीं रहता है past की पुरानी यादो में रहता है या भविष्य की सुनहरी कल्पना में व्यस्त रहता है। इसे दूसरे तरिके से हम यह भी कह सकते है की हमारा शरीर तो present में रहता है पर मन नही।
मन past में रहता है या future में रहता है लकिन शरीर present में ही रहता है। जिससे mind और body में ताल-मेल नहीं बन पता है इसी कारण हम कुछ भी ठीक से नहीं क्र पाते है। आपने देखा होगा की जब हम खाना कहते है तब शरीर present में रहकर भोजन ग्रहण करता है ।लेकिन हमारा मन इधर -उदर की सोचता रहता है ।ऐसी प्रकार आपने notes किया होगा की आपका मन कुछ न कुछ सोचता रहता है। जिसके कारण हमुस काम को ठीक तरह से नहीं क्र पाते है जो की करना होता है।
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बहुत लोगो को सफलता न मिल पाने का main कारण यही होता है। क्योकि जीवन तो present movent में व्यतीत हो रहा है हमारा मन कभी present तो रहता ही नहीं है। हमे अपने मन को present में रखना क्यों आवश्यक है। जब हम कहता है की मन कोई भी काम करते समय हमारा मन प्रेजेंट में नहीं रहता है तो इसका मतलब यह हुआ की जब मन past की स्मृति में रहता है जब मन present में नहीं होता तब पुरानी असफलताओ को याद करके दुखी ही रहता है और पुरानी अच्छी यादो में खोकर मन प्र्शन्न भी हो सकता है। लेकिन अधिकतर मन दुखी ही रहता है।
इसी कारण हम present movement में enjoy नहीं कर पाते है। क्यों की जीवन तो वर्तमान में ही घट रहा है। और जब मन भविष्य की कल्पनाओं में होता है तो भी बहुत चिंता में रहता है। मुझे ये काम करना है मुझे वो करना है कैसे होगा ,होगा की नहीं होगा ,हम कर पाएंगे की नहीं कर पाएंगे। मेरी ईच्क्षा पूरी होगी की नहीं। कही मै बीमार तो नहीं हो जाऊंगा। मन इस तरह की कल्पनाओं में व्यस्त रहता है। future की कल्पना अक्सर हमे tansion देती है।
कह सकते है की जब हम past में रहते है तो हमे कई प्रकार की negetivity घेर लेते है। यदि हम past और future को छोड़कर प्रेजेंट में रखने की कोशिश करते है तो ही हम अपने जीवन को fullenjoy कर सकते है। present movement में रहने के कारण हम हमेशा खुश और प्रसन्न रख सकते है और अगर आपका मन शांत रहेगा और present movement में रहेगा तो आपकी सारी परेशानिया अपने आप ही दूर रहेंगी। अपने जीवन के उद्देश्य को पाने और तनाव मुक्त रखने का मूल मन्त्र धयान या Meditation ही है।
अपने उद्देश्य की ओर ध्यान केंद्रित करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है Meditation का उद्देश्य संतुष्टि ,मानसिक शांति , एकाग्रता प्रशन्नता प्राप्त करना ही होता है। कहा जाता है यदि आप तनाव में है या खुश नहीं है तो आप Meditation का सहारा ले सकता है Basic Meditation मन को शांत करने में बूत मददगार होते है। और मन सुख की अनुभूति करता है। मन को present में रखने की importants आपने जान ली है।क्योकि Meditation का अर्थ अपने जान लिया है।
यदि मन past या future में रहता है इसका एक और भी मतलब है की अब हमारे मन के विचार ख़त्म हो गए। जब मन past या future में रहता है तभी मन में विचारो का कोलाहल रहता है। अगर मन present में तो होती है बस हमारी जागरूकता है। इसलिए Meditation में आप आँख बंद करके बैठ जाना नहीं है माला जपना भी नहीं है अकसर ये कहा जाता है की मिनट्स के लिये ईश्वर का ध्यान करो ये ध्यान नहीं है ये तो स्मरण है। ध्यान तो है मन में चल रहे विचारो से मुक्ति। विचारो को भूल जाना ही ध्यान है present में रहना ही Meditation है।
क्या ऐसा हो सकता है की हम बिना ध्यान लगाए हम directly present movement में जाना सीख ले। अपने मन को present movement में रखने के लिए प्रेरित करे। अपने विचारो और life को fulenjoy करे। क्योकि जीवन तो present movement में ही होता है। है ऐसा हो सकता है हम ऐसा कर सकता है अब प्रश्न उठता है की कैसे ?यदि हम अपने मन को present movement में रखने की कोशिश करे और छोटी -छोटी बातो को ध्यान में रखे तो। जो भो काम को कर मन को उसी पर टिका कर रखे
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अपने मन और कार्य के प्रति सजकता रखनी चाहिए चलते समय चलने अहसास रखना चाहिए यदि आप खेल रहे है तो उसका भी अहसास रखना चाहिए सुनते समय पुरे ध्यान से सुनना चाहिए। जब सुबह जब सैर पर निकले तो पैरो पर ध्यान रखना चाहिए। शरीर के हर गतिविधियों के प्रति सजक रहना चाहिए कहते समय भी पुरे मन से और जो खाना कहते समय जरूरी होता है वह भी पुरे ध्यान से ही करना चाहिए। अपने विचारो के प्रति भी सजग रहना चाहिए। शुरू में थोड़ा सा कठिन लगेगा पर धीरे-धीरे सब normal हो जायेगए और सफलता भी प्राप्त होने लगेगी
'भीतर से जाग जाना ध्यान है। सदा निर्विचार की दशा में रहना ही ध्यान है।'
मृत्यु आए उससे पहले पूर्णिमा का चांद निकले उस मुकाम तक ले जाओ अपने होश को
ध्यान के फायदे –9 BENEFITS OF MEDITATION IN HINDI
(1) तनाव और डिप्रेशन में कमी
(2) एल्जाइमर (Alzheimer), डायबिटीज(diabetes), high blood pressure जैसी बीमारियो से मुकाबला करने बड़ी मदद मिलती है
(3) धूम्रपान और नशा करने की आदत से छुटकारा मिल सकता है।
(4) नकरात्मक विचारो से छुटकारा मिलता है।
(5) मेडिटेशन (ध्यान) से हमारे शरीर से कोर्टिसोल (cortical) नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे हमारा दिमाग शांत रहता है और स्ट्रैस और टेंशन से मुक्ति मिलती है।
(6) मनोवैज्ञानिक बीमारियो जैसे डिमेंशिया, अवसाद, ओसीडी और सिजोफ्रेनिया होने की संभावना घाटती है।
(7) Memory (यदाश्त) तेज होती है।
(8) सिरदर्द से छुटकारा मिलता है।
(9) जीवन का उद्देश्य समझने में मदद मिलती है
(10) चिंता से छुटकारा मिलता है।
(11) आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है
(12) दृष्टिकोण सकारात्मक होगा