चांद की पूजा करने के बाद छलनी से इसलिए पति को देखती हैं महिलाएं

867
Views

चांद की पूजा करने के बाद छलनी से इसलिए पति को देखती हैं महिलाएं

करवाचोथ का त्योहार हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है यह त्यौहार शादीशुदा महिलाओ  के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्यों की इस दिन महिलाये अपने पति की लम्बी उम्र और उनके सुख और समृद्धि की कामना करती है 
इस दिन निर्जला व्रत रखने की परंपरा है और इस दिन महिलाये पुरे  16 शृंगार करके चंद्र देव की पूजा करती है तथा शिव पार्वती की पूजा की जाती है चंद्र देव की पूजा करने के बाद छलनी से चन्द्रमा तथा अपने पति को देखने की परंपरा है। 

छलनी से ही क्यों देखा जाता है 

इसके पीछे कई पौराणिक कथाये है।  बहुत समय पहले की बात है जब वीरवती नामक स्त्री ने अपने पति की लम्बी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा और उसने सुबह से कुछ भी न ही खाया और पिया उस समय वह अपने मायके में थी जब उसके भाई शाम को घर लौटे और खाना खाने के लिए बैठे तो अपनी बहन को भी बुलाया पर उनकी बहन ने आने से माना कर दिया और बोलै की आज मेरा करवाचौथ का व्रत है थोड़ी ही देर बाद उनकी बहन की तबियत बिगड़ने लगी यह देख कर उनके भाइयो ने उनके खाना खिलाने की कोशिश करने करने लेन और उनका छोटा भाई एक पेड़ पर चढ़ कर छलनी में दिया रख दिया और वो चाँद की तरह दिखने लगा तो उनके भाइयो ने कहा की बहन चाँद निकल आया है जल्दी से पूजा करलो  फिर हम साथ खाना कहते है यह सुन कर उनकी बहन खुश हो गई और बजा करने चली गई। पूजा करने के बाद ओह खाना खाने के लिए बैठ गई पहला कौर कहने में छींक हुई और दूसरे कौर में बाल निकला तथा तीसरे कौर में पति के मौत का संदेसा आ गया यह सुन कर पत्नी परेशान हो गई और अपने पति के पास पहुंची तो उसे मरा पाया तो उसने प्रण लिया की जब तक भगंवन उनके पति को जीवित नहीं कर देते तब तक वो अन्न जल ग्रहण नहीं करेगी यह सुनकर यमराज उनके पास आये और बोले आपने यह प्रण गलत लिया है आपके पति का समय पूरा हो गया था तो मैंने उनके प्राण हर लिए तो वीरवती बोली मैंने तो उनकी लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत भी रखा था तो फिर उनको इसका फल क्यों नहीं मिला। 

तो यमराज बोले हा आपने व्रत रखा था पर उसे पूर्ण नहीं किया था तो उन्होंने वीरवती को पूरी कहानी बताई तो वीरवती ने यमराज से अनुरोध किया की मै तो इस बात से अनजान थी तो मेरी गलती कैसे हुई इस बात से प्रसन्न होकर यमराज ने उनके दुबारा व्रत रखने को बोला और छलनी से चंद्रदेव को देखने को बोला और कहा जब यह व्रत पूर्ण हो जायेगा तो आपके पति पुनः जीवित हो जायेगे। 
फिर वीरवती अपने पति के मृत शरीर के सामने एक साल तक बैठी रही और जब अगले साल करवाचौथ का त्यौहार आया तो वो पुरे रीतिरिवाज सहित इस व्रत को रखा और छलनी से चंद्र देव को देखा जैसे ही पूजा पूरी हुई उसके पति पुनः जीवित हो गए। 
तभी से चंद्रदेव को छलनी से देखने का  रिवाज है।  हलाकि कही कही छलनी से न भी देखने का रिवाज है   

जब तक ना देखें चेहरा आपका |
ना सफल हो ये त्यौहार हमारा ||
आपके बिना क्या है ये जीवन हमारा |
जल्दी आओ और दिखाओ अपनी सूरत ||
और कर दो करवा चौथ सफल हमारा |||

यह त्यौहार कौन कौन मानते है 

यह त्यौहार हिन्दू ,सिख ,जैन आदि धर्मो के लोग इस त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मानते है। 

1 Answer

Hi Rohit singh,

 

khud sare din bhukhe rhkar ,apne pati ki lanbi aayu or swsth rkhne ki kamna ke sath ye vrt badi shrdha se kiya jata hai      

                            thanks 

Your Answer



I agree to terms and conditions, privacy policy and cookies policy of site.

Post Ads Here


Featured User
Apurba Singh

Apurba Singh

Member Since August 2021
Nidhi Gosain

Nidhi Gosain

Member Since November 2019
Scarlet Johansson

Scarlet Johansson

Member Since September 2021
Mustafa

Mustafa

Member Since September 2021
Atish Garg

Atish Garg

Member Since August 2020

Hot Questions


Om Paithani And Silk Saree



Quality Zone Infotech



Sai Nath University


Rampal Cycle Store



Om Paithani And Silk Saree



Quality Zone Infotech



Kuku Talks



Website Development Packages