भाई दूज का त्योहार क्यों मनाया जाता है | Why Bhai Dooj Is Celebrated Bhai Dooj Story Katha
भाई दूज का त्योहार क्यों मनाया जाता है
भैयादूज को भाईदूज भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाई और बहन के प्यार तथा भाई की लम्बी उम्र का प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार दिवाली के तीसरे दिन माने जाता है।
इस दिन शादीशुदा बहने अपने भाई को अपने यहाँ बुलाती है और अपने घर में स्नान करने के पश्चात आसान बिछा कर उसमे अपने भाई को बिठाती है इसके बाद रोली से तिलक करती है। तथा आरती और कलावा बांधती है। और बहन अपने भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है।
उत्तरी भारत में भाई को नारियल भेट स्वरुप दिया जाता है
भाईदूज की कथा
ऐसा माना जाता है की इस दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर लौटे थे। तब उनकी बहन सुभद्रा ने उनका भव्य स्वागत किया था तथा उनका तिलक करके उनको आरती की थी|
तब से यह हर वर्ष त्यौहार की भाति मनाया जाने लगा क्योकि भगवान श्री कृष्ण अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। और तब से इस त्यौहार को भाई बहन के प्यार का त्यौहार माना जाने लगा।
प्रेम और विश्वास के बंधन को मनाओ
जो दुआ मांगो उसे तुम हमेशा पाओ भाई दूज के त्यौहार है,
भैया जल्दी आओ अपनी प्यारी बहना से आकर तिलक लगाओ..
भाईदूज की पौराणिक कथा
ऐसा कहा जाता है की इस दिन यम ने देवी यमुना के घर आये थे और वही देवी यमुना ने उनका अपने भाई की तरह स्वागत किया था।
तो यम ने प्रसन्न होकर नरक लोग के लोगो को अकाल मृत्यु से रक्षा का वचन दिया थ। तभी से इसे भाईदूज के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन यम की पूजा की जाती है।
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HI Rohit singh,
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