Nothing Is Impossible In Life | मेहनत बनाती है असंभव को संभव

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Nothing is Impossible in Life | मेहनत बनाती है असंभव को संभव |-इस जीवन में कुछ भी असम्भव या नामुमकिन नहीं है।  नामुमकिन शब्द actually बंदिश ने ही बनाया है। जब टेलीफोन और रेडिओ कुछ भी नहीं था तब science और दुनिया में कोई नहीं मानता था की आवाज को साउंड को कुछ ही पलो में सेकड़ो किलोमीटर दूर पहुंचना संभव है। लेकिन आज आप देख सकते है की एक छोटा सा मोबाइल हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। 

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इसी तरह जब तक विमान का अविष्कार नहीं हुआ था तब तक विज्ञान जगत भी ये मानता था की मनुष्य के लिए आकाश में उड़ना संभव नहीं था लेकिन जब राइट बंधु ने विमान का अविष्कार किया तब यह असम्भव सम्भ में बदल गया। इसी तरह क्रिकेट की बात ले लीजिये किरकेट के इतिहास में 2010 तक एक भी दोहरा शतक नहीं लगा था लेकिन 2010 में सचिन तेंदुलकर के दोहरा शतक लगाने के 4 - 5 वर्षो में ही धोनी शतक लह गया क्या यह एक संयोग था ऐसा क्यों हुआ।

 

ऐसा इसलिए हुआ क्योकि जब  2010 से पहले जब किसी ने दोहरा शतक नहीं लगाया था तो सभी की मानसिकता यही थी की दोहरा शतक लगाना बहुत ही मुश्किल है क्योकि अभी तक इस रिकॉर्ड को किसी ने भी नहीं तोडा था तब ये नामुमकिन सा लगता था असंभव सा लगता था लेकिन जब सचिन ने दोहरा शतक लगाया तब सभी की मानसिकता बदल गयी तब यह लगने लगा की दोहरा शतक लगाना मुश्किल तो है पर असंभव नहीं। इस दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं।

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नामुमकिन हमारा गलत विचारधारा या मान्यता है। जो आख़िरकार गलत ही साबित हुई। कहने का मतलब ये हुआ की हर व्यक्ति के जीवन में कुछ कार्य ऐसे होते है जिन्हे करना मुश्किल और नामुमकिन लगता है जब दूसरा व्यक्ति उसी असंभव कार्य को सम्भव कर के दिखता है तो हमे लगता है की अरे वो तो बहुत lucky है। दरअसल असम्भव कार्य को करने के लिए जितनी कठोर मेहनत करने की आवश्यकता होती है रियल में उतनी मेहनत तो करते ही नहीं कोई भी काम असम्भव नहीं होता नामुमकिन नहीं होता। पैर थोड़ा कठिन होता है।

 

जब कोई काम इतना कठिन होता है की हम आसानी से नहीं कर सकते तो बस हम उसे नामुमकिन कहने लगते है और ये असम्भव शब्द जब हमरे दिमाग में बैठ जाता है तो हम उसे असम्भव कहने लगते है आपको पता तो होगा की किसी भी किरकिट टीम के लिए 300 रन बनाना बहुत ही कठिन होता था। अगर किसी टीम ने 300 रन बना लिए तो उसका जीतना निश्चित होता था क्योकि उस समय 300 रन को चेज करना असम्भव होता था। नामुमकिन सा लगता था।

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लेकिन समय बदला नए लोग आये नए players आये और 300 रन तेजी से बनने लगे। आज तो रन बनाना तो बहुत ही मामूली सी बात है। अब तो लोग 400 रन को भी चेज आसानी से कर लेते है। इसीलिए कहते है की असम्भव या नामुमकिन तो होता ही नहीं है लेकिन कठिन जरूर होता है। पर किसी भी कार्य को असम्भव मानाने पर कोई फर्क नहीं पड़ता है अगर आपने प्रयास नहीं किया तो या आपने मेहनत करनी छोड़ दी लेकिन ऐसा कोई और व्यक्ति आएगा जो की असम्भव को सम्भव कर देगा।

 

वह व्यक्ति ऐसा करके दुनिया में छा जायेगा।और बाकिके लोग तो बस यही बोलेंगे की वह तो बहुत लकी था। दुनिया में मेहनत करने वालो की कोई कमी नहीं है। आप नहीं तो कोई ओर सही। असम्भव ओर संभव के चक्रवीहु को कोई भी व्यक्ति आकर ढेर कर देगा। इसीलिए असम्भव ओर नामुमकिन जैसे शब्द को अपने दिमाग से निकल दीजिये। क्योकि यही एक शब्द आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है ।

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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