कैसे करें खुद को Motivate ? | How To Be Self Motivated To Get Big Success
कैसे करें खुद को Motivate ? | How to be Self Motivated to Get Big Success | - इंसान के आदर एक बड़ी शक्ति होती है। जिसे हम परमात्मा कह सकते है। यह हमारे अंदर enternal powar की तरह काम करते है। और हमेशा से ही मौजूद रहती है। एक समय की बात है एक शेर का बच्चा जंगल में खेल रहा था। उसकी माँ सोई हुयी थी। जंगल के पेड़ पोधो से उसका मन मोहित हो गया और वो पेड़ पोधो को निहारते हुए अपनी माँ शेरनी से बहुत ही अधिक दूर निकल आया। अब अब बच्चा घबराया हुआ था और वह रोते हुए अपनी माँ शेरनी को ढूंढ रहा था।
तभी उसकी नजर एक भेड़ पर पड़ी। उस भेड़ के बच्चे कुछ दिन पहले ही मर चुके थे। शेरनी के बच्चे को रोते ,बिलखते हुए देख भेड़ उसे अपने घर ले आयी और शेरनी के बच्चे को बड़े ही प्यार से और दुलार से भेड़ माँ को पालने लगी। इस तरह दिन बीतते गए और भेड़ का प्यार शेर के बच्चे पर निरंतर बढ़ता ही गया। कुछ समय बाद उस शेरनी का बछ उस भेड़ से भी ऊँचा हो गया था। भेड़ उसे देख कर कभी - कभी डर भी जाती थी।एक बार उस जंगल में एक दूसरा शेर भी आ पंहुचा।
वह दूसरा शेर पर्वत की छोटी पर चढ़ कर गरजने लगा। उसकी धड़ को सुनते ही भेड़ तो काँप उठी। लेकिन उस शेरनी के बच्चे पर उस गर्जन का अलग सा ही प्रभाव हुआ। एक अलग ही प्रतिक्रिया हुयी। उसके मन में सागर की लहरों की तरह कुछ उमड़ने लगा था। शेर की धड़ से उसके मन में एक ऐसा अंकुर फूट गया था जो की कल तक अदृश्य था। शेर के बच्चे को अब महसूस होने लगा था की उसके अंदर भी कोई एक ऐसी शक्ति मौजूद है जिसका अभी तक उसे ज्ञान या आभास नहीं था।
इस तरह वह भी ऊँचे स्वर में बड़ी जोर से दहाड़ने लगा। उसने अपनी माता भेड़ पर एक करुणा मई नजर डाली और एक ही लम्बी छलांग के साथ पर्वत पे खड़े दूसरे शेर के पास पहुंच गया। शेरनी के बच्चे ने अब तक अपने आप को भेड़ का ही बच्चा ही समझ रखा था। उसकी कल्पना में भी कभी ये नहीं आया था की वह भेड़ की अपेक्षा कयदा शक्तिशाली है। एक समय था जब वह कुत्ते के भोकने पर भी दुबक जाया करता था। लेकिन अब उसे जब अपने नास्त्विक स्वरूप का ज्ञान हुआ तब वह शेर के सामने भी डटकर खड़ा हो गया।
शेर की धड़ सुनने से पहले उसके अंदर शेर के नहीं भेड़ के गुण थे।लेकिन दूसरे शेर की आवाज़ से उसके अंडा का सिंहत्व जाग गया। आख़िरकार वह भी तो एक शेर का ही तो बेटा था। आठ दोस्तों हर व्यक्ति में उसका सिंहत्व मौजूद होता है। उसकी entarnal powar मौजूद होती है। आत्म प्रेरणा मौजूद होती है। कभी न कभी एक ऐसा अवसर जरूर आता है। जब हम अपने अंदर की आवाज सुनते है। और जब ये आवाज हमारे अंदर के पराक्रम को ललकारती है। तब हमारे अंदर कुछ ऐसे भाव जागते है की कदम बढ़ने के लिए खुद को रोक ही ही पाते।
आपने ऐसे लोगो की कहानिया पढ़ी और सुनी होंगी जो की बहुत ही गरीबी से लड़ते हुए दुनिया के सबसे अधिक अमीर व्यक्ति बने होंगे। गरीब माहौल में पढ़े होने के बावजूद भी व्यक्ति बड़ी - बड़ी सफलताएं हासिल करता है। यह केवल आत्म प्रेरणा के ही कारन ही संभव हो पाता है। जिस दिन आप अपने अंदर की शक्ति को पहचान लेंगे अपनी entarnal powar को पहचान लेंगे। उस दिन से आपकी जिंदगी में भी बड़े - बड़े परिवर्तन होने शुरू हो जायेंगे। फिर आप भी अपनी जिंदगी में बड़े - बड़े काम कर पाएंगे।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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