मौन (Silence) की अद्भुत शक्ति को पहचाने | Learn The Power Of Silence

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मौन (Silence) की अद्भुत शक्ति को पहचाने | Learn the Power of Silence | - दीपक जलता है तो बत्ती और तेल दोनों ही जलता है। जितना ही अधिक बोलै जाता है हमारे अंदर की शक्ति उतनी ही अधिक नष्ट होती है। आप ऑफिस में काम कर रहे है या सड़क पर चल रहे है या चाय पी रहे है। या आप अकेले बैठे है। किसी का इंतजार कर रहे है या की से मिलने जा रहे है। सभी स्तिथि में व्यक्ति के मन में विचारो की एक श्रेय चलती रहती है।विचार भी रोज नए - नये होते है।

रोज वही विचार और वही  बाते जो की कई वर्षो से चलती रहती है। में एक ऐसा उपाय है जिससे आंतरिक   जगत के साथ बाहरी दुनिया में भी मदद मिलती है। यानि silence से मन शक्ति शाली बनता है। आप अपने आस - पास के माहौल को महसूस करके देखिये। आपको लगेगा की इतना शौर है। ये शौर बाहर और अंदर दोनों जगह महसूस होगा। खली शौर को तो काबू करना मुश्किल है। लेकिन अपने अंदर के शौर को तो में रहकर काम किया जा सकता है। में रहकर आंतरिक और मानसिक रूप से शांति मिलती है।

 

यदि आप अपने आस - पास किसी पढ़े और सुखी इन्सान को देखेंगे तो आपको उसमे यह गुण जरूर नजर आएगा। में की शुरआत जुबान के चुप हने से होती है। धीरे - धीरे आपकी जुबान के बाद आपका मन भी चुप हो जाता है। मन पे चुप्पी लहरायेगी तो आँखे ,चेहरा और पूरा शरीर भी चुप और शांत अपने आप होने लगेगा।  तब आप इस संसार को एक नए शैर से देखा शुरू कर पाएंगे। जिस प्रकार नवजात शिशु संसार को देखता है। जरुरी है की मौन रहने के उपरांत सिर्फ सांसो के आवागमन को ही महसूस करते हुए उसका आनंद ले।

मौन से मन की शक्ति बढ़ती है और शक्ति शाली मन में किसी भी प्रकार का डर, क्रोध और चिंता नहीं रहती मौन का अभ्यास करने से सभी प्रकार की मानसिक विकार भी समाप्त हो जाते है। मेरे एक दोस्त है वो बहुत बोलते थे। एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने ठान लिया की अब से सप्ताह में एक दिन वे शांत रहेंगे। उन्हें कोई कुछ भी कहेगा तो भी वे शांत रहेंगे। ये उनके लिए आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने अभ्यास जारी रखा। और फिर एक दिन सफल भी हुए। उसके बाद उसने जाना की चुप रहन तो वाकई एक जादू है।

 

आध्यात्मिक तोर पर सवह ही कहा गया है की मौन रहना सच के करीब ले जाने वाला है। इस अवस्था से आप अपने भीतर पहले से कई भतार रूप से उतर पाते है। महात्मा बुध ने वर्षो तरह - तरह के उपाए किये लेकिन उन्हें सत्य नहीं मिला। फिर वे मौन के सरोवर में डूबे और उन्होंने सत्य का मोती पा लिया। तो यदि आप दिन में शांत बैठते है तो उस वक्त केवल एक ही जगह पर दिमाग लगता है और ध्यान कही भी नहीं भटकता।। इससे आपका दिमाग तेजी से काम करने लगता है।

इससे आप ठीक समय पर सही निर्णय लेने में सफल होते है।मौन रहने से हम दुसरो की बातो को सही ढंग से सुनते है और समझते है इस कारण हमारी सोचने और समझने की शक्ति भी बढ़ती है। शांति से सामने वाले की बात सुनने से वह सहज महसूस करता है और अपनी बात सरलता से बता पाते है।मौन के कारण मन की चंचलता भी समाप्त होने लगती है। और व्यक्ति दिव्यता को प्राप्त होने लगती है। इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का लाभ प्राप्त होने लगता है।

 

अतः यदि हम दैनिक जीवन के बारे में बात करे तो हमे जितना हो सके मौन का अभ्यास करे। आप चुपचाप रहने का अभ्यास करे और व्यर्थ की बातो से स्वम् को अलग कर ले। सिर्फ सांसो के आवागमन पर ही अपना ध्यान रखे और सोचे कुछ नहीं और कहे कुछ भी नहीं। बल्कि ज्यादा से जयदा चुप रहने का अभ्यास करे। एक बार जब हम इसका अभ्यास कर लेते है तो जल्दी ही आपको एक divine ऊर्जा की आवाज सुनाई देने लगेगी। जो की हमेशा से ही आपके अंदर मौजूद रहती है।

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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