कब तक कहोगे आज नहीं कल करूंगा
कब तक कहोगे आज नहीं कल करूंगा - कब तक कहोगे की आज नहीं कल से करूंगा ,अभी नहीं फिर करूंगा या बाद में कर दूंगा। जिंदगी भर अपने काम को कल पर टालते रहोगे। फिर आज के इस महंगाई के डोर में कैसे आगे निकल पाओगे कैसे समय के साथ चल पाओगे ?आलस को अपने ऊपर हावी होने देना अपने स्वभाव पर और इसीतरह अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेना।
आलस इन्सान का सबसे बड़ा शत्रु होता है। जो की किसी के ऊपर यदि हावी है तो समझ लीजिये की वो बर्बाद ही है क्योकि आलस कुछ नहीं करने देता और न ही आगे बढ़ने के लायक छोड़ता है। जो इन्सान आलस करता है वह न तो कोई काम क्र पता है और न ही कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर सकता है। जो व्यक्ति आलसी स्वभाव का है वः जीवन में कुछ नहीं कर सकता उसका जीवन ही बेकार है।
आलसी व्यक्ति का जीवक किसी काम का नहीं। क्योकि आलसी व्यक्ति का न तो कोई वर्तमान होता है नहीं कोई भविष्य।। हम जब भी कोई अच्छे कार्य के लिए कदम उठाते है तो आलस उसे पूर्ण करने मे बांधा देता है।ये तो सभी जानते है की आलस ही मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है । यदि अपने जीवन में से आलस को दूर भगाना है तो अपना एक लक्ष्य बनाओ और उसके बारे में सोचो की आप अपने जीवन में क्या करना चाहते हो और आपको अपने लक्ष्य को पाने के लिए कितनी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
फिर आलस का त्याग करके अपने काम में लगातार लगे रहिये बेहतर होगा की आप कोशिश करे और अपने लक्ष्य में कामयाब हो जाये। और कुछ सीखे बजाए इसके की आप कोशिश ही न करे। अब आपके पास दो ही रस्ते है आप आलस को अपनाते हुए आजकल करते रहिये और अपने काम को कल पर टालते रहिये। और कर लीजिये अपनी जिंदगी बर्बाद।
या फिर लग जाइये आप करने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत और उखड फेकिये अपने जीवन से कल शब्द को अपने जीवन से। और जब तक दते रहिये जब तक की आप अपने जीवन में सफल न हो जाये। और एक अंतिम फैंसला कर लीजिये और लग जाइये अपने कार्य को पूरा करने में जिससे आपका भविष्य उन्नति की और जाता हो।
आलस्य की बीमारी का कोई तो इलाज होना चाहिए ।
इसके लिए हर व्यक्ति को स्वम् जिम्मेदार होना चाहिए ।।
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Article Posted By: Manju Kumari
Work Profile: Hindi Content Writer
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