जीवन में आगे बढ़ने के लिए मन को एकाग्र और शांत करना होगा

657
Views

जीवन में आगे बढ़ने के लिए मन को एकाग्र और शांत करना होगा - बहुत साडी तीरन्दारी प्रतियोगिता जीतने के बाद एक नौजवान तीरंदाज खुद को बहुत बड़ा धनुर्धर समझने लगा था। वह जहा भी जाता लोगो को अपने से मुकाबला करने को कहता था। फिर उन्हें हराकर उनका मजाक उड़ाता था। एक बार उसने एक प्रसिद्ध जैन मास्टर को चुनौती देना का फैसला किया और सुबह - सुबह ही पहाड़ो के बीच स्थित उनके मठ जा पंहुचा। मास्टर मई आपको तीरंदाजी मुकाबले के लिए चुनौती देना चाहता हूँ।

मास्टर ने नव युवक की चुनौती स्वीकार कर ली। इसके बाद मुकाबला शुरू हुआ। नवयुवक ने अपने पहले प्रयास में ही दूर रखे लक्ष्य के बीचो - बीच निशाना लगा दिया।  और अगले निशाने में उसने पहले तीर में ही लक्ष्य के बीचो - बीच ही निशाना भेद डाला। अपनी योग्यता पर घमंड करते हुए नवयुवक बोलै कहिये मास्टर क्या आप इससे बेहतर कर के दिखा सकते है ? यदि हां तो कर के दिखिए।  यदि नहीं हा आपकी तो फिर हार मान लीजिये। मास्टर मुस्कराते हए बोले। पुत्र तुम मेरे पीछे आओ।

इसके बाद मास्टर चलते - चलते एक खाई के पास जा पहुंचे। नव युवक यह सब देख कर कुछ घबराया। और बोलै की मास्टर ये आप मुझे कहा लेकर आ गए हैं। मास्टर बोले की घबराओ नहीं पुत्र बस हम आ ही गए हैं। बस अब हमे इस जर्जर पुल के नीचे जाना हैं। नव युवक ने देखा की दो पहाड़ियों के बीच किसी ने एक काम चलाऊ पुल का निर्माण किया था। और मास्टर उसी पर जाने के लिए कह रहे थे। मास्टर पुल के बीचो - बीच पंहुचा और तीर निकाला। और दूर एक पेड़ के तने पर एक सटीक निशाना लगाया।

निशाना लगाकर मास्टर जी बोले की आओ पुत्र अब तुम अब उसी पेड़ पर निशाना लगा कर अपना दस्ता सिद्ध करो। नव युवक डरते - डरते आगे बढ़ा और बेहद कठिनाईयों के साथ उनके बीचो - बीच पंहुचा। और किसी तरह कमान से तीर निकाल कर निशाना साधा लेकिन निशाना लक्ष्य के आसपास भी नहीं लगा। अब नव युवक निराश हो गया और उसने अपनी हार स्वीकार कर ली अब मास्टर हँसते हुए बोले -पुत्र तुमने तीर धनुष पर तो नियंत्रण कर लिया पर तुम्हारा उस मन पर अभ भी नियंत्रण नहीं हैं।

 

जो की किसी भी परिस्थिति में लक्ष्या कोभेदने में सटीक हैं। अत: हम कह सकते हैं की जब तक मन में सीखने की जिज्ञाशा हैं तब तक ही उसके ज्ञान में वृद्धि होती हैं। लेकिन जब उसके अंदर सर्व श्रेष्ठ होने का अहंकार आ जाता हैं तभी से ही उसका मन का पतन होने लगता हैं। किसी भी आदमी को जीवन मे best  करने के लिए अपने मन पर नियंत्रण होना आवश्यक हैं अपने मन पर control  होना आवश्यक हैं तभी वह किसी भी नई चुनौती का सामना कर सकता हैं।

नवयुवक मास्टर की बात समझ चुका था। और उसे अहसास हो गया की उसका धनुर विद्या का ज्ञान बस अनुकूल परिस्थितियों में ही कारगर हैं । और उसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकि हैं खास कर अपने मन पर काबू करना। उसने तुरंत ही बिना देरी करे अपने अहंकार के लिए दुआ मांगी और एक शिष्य की तरह कुछ सीखने के लिए और अहंकार न करने के लिया प्रेरणा करने की सौगंध ली।    

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

Article Posted By: Manju Kumari Work

Profile: Hindi Content Writer

Share your feedback about my article.

 

 

 

 

0 Answer

Your Answer



I agree to terms and conditions, privacy policy and cookies policy of site.

Post Ads Here


Featured User
Apurba Singh

Apurba Singh

Member Since August 2021
Nidhi Gosain

Nidhi Gosain

Member Since November 2019
Scarlet Johansson

Scarlet Johansson

Member Since September 2021
Mustafa

Mustafa

Member Since September 2021
Atish Garg

Atish Garg

Member Since August 2020

Hot Questions


Om Paithani And Silk Saree



Quality Zone Infotech



Sai Nath University


Rampal Cycle Store



Om Paithani And Silk Saree



Quality Zone Infotech



Kuku Talks



Website Development Packages