पोती के जन्म पर दादा - दादी खुश नहीं थे। बेटी ने अपने गरीब पिता के सपने को पूरा किया।

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पोती के जन्म पर दादा - दादी खुश नहीं थे। बेटी ने अपने गरीब पिता के सपने को पूरा किया।- एक किरहने की छोटी सी दुकान चलाने वाले के घर जब बेटी हुई तब उसके दादी बिलकुल भी खुश नहीं हे क्योकि वे पोती नहीं पोता चाहते थे और घर के सभी परिवार वाले भी लड़के की ही आशा लगा रहे थे लेकिन जब बेटी की खबर सुनी तब सभी परिवार वाले दुखी हो गए थे। लेकिन उस समय कोन जनता था की ये बेटी जिस के पैदा होने पर आज सभी दुखी हो रहे है वही बेटी आगे चलकर आईएएस टॉपर बन जाएगी

इनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में भद्रेश्वर नमक छोटे से कसबे में हुआ था इनके माता पिता एक ज्वाइंट फैमिली में रहते थे और कई तरह की परेशानी होती ही रहती थी क्योकि इनके परिवार में बहुत ही गरीबी थी।लड़की का नाम स्वेता अग्रवाल रखा गया। वह बचपन से ही पढाई - लिखाई में बहुत तेज थी और उसकी ऐसी लग्न को देखते हुए उसके माता पिता ने भी उसे खूब मन से पढ़ाया। वह बेटी भी एक - एक करके हर कक्षा में प्रथम आती गयी और उसके गरीब पिता का उत्साह भी बेटी के प्रति बढ़ता गया।

 बचपन से ही देखा बड़ा सपना - वह भी मेहनत करके अपनी बेटी को बड़ी ख़ुशी से पढ़ने लगे और बेटी का होंसला भी बढ़ने में कोई भी कसर नहीं रखी। स्वेता अग्रवाल ने बहुत साड़ी परेशानियों का सामना करते हुए अपनी पढाई पूरी की। स्वेता अग्रवाल ने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था।  गरीबी में रहने के बाद भी स्वेता ने अपने बुलंद सपने को देखना नहीं छोड़ा। और अपना सपना पूरा करने के लिए हर तरह की मेहनत और संघर्ष किया। पैसो और आर्थिक तंगी होने के बावजूद भी उसने हिम्मत नहीं हारी

 

कक्षा में प्रथम ही आती थी -  स्वेता अग्रवाल बचपन से पढ़ने में बहुत तेज थी। जिसके कारन teacher भी हमेशा इससे खुश रहते थे। और कोई भी परेशानी होने पर समय - समय मदद भी कर दिया करते थे। जब वह छोटी थी तब दूसरे बच्चो की तरह उन्हें भी उन पिता खाना - खाने के लिए पैसे दिया करते थे लेकिन वह ऐसा कभी नहीं करती थी।

2015 में बनीं आईएएस टॉपर - श्वेता की पढाई और सिविल सर्विस की तयारी के लिए उसके पिता ने मजदूरी करके कुछ पैसे भी इकट्ठे कियेऔर उनके पिता ने अपनी बेटी का हौसला बढ़ाया। कोलकाता से उन्होंने उन्होंने अपनी पढाई पूरी की। श्वेता अग्रवाल ने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने सिविल परीक्षा सेवा में हिस्सा लेना शुरू क्या था उन्होंने दो बार  यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लिया था। और वे आईपीएस की परीक्षा में सफल रही।

लेकिन वे आईएएस बनना चाहती थी और आखिरकार उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया और वे आईएएस ऑफिसर बन गयी। उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला इसके बाद उनकी फैमिली की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। श्वेता अग्रवाल ने यह साबित कर दिया कि मेहनत के बल पर किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।   

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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