असली शिक्षा की परिभाषा क्या है? | शिक्षा का वास्तव में क्या अर्थ है?
शिक्षा का वास्तव में क्या अर्थ है?
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एक बड़ी सी गाड़ी आकर बाजार में रूकी, कार में ही मोबाईल से बातें करते हुए, महिला ने अपनी बच्ची से कहा- जा उस बुढ़िया से पूछ सब्जी कैंसे दी ?
बच्ची कार से उतरतें ही, अरे बुढ़िया ये सब्जी कैसे दी ?
40 रूपये किलो, बेबी जी......
सब्जी लेते ही, उस बच्ची ने सौ रूपये का नोट उस सब्जी वाली को फेंक कर दिया, और आकर कार पर बैठ गयी। कार जाने लगी तभी अचानक किसी ने कार के शीशे पर दस्तक दी....
एक छोटी सी बच्ची जो हाथ में 60 रूपये, कार में बैठी उस औरत को देते हुए बोलती है- आंटी जी ये आपके सब्जी के बचे 60 रूपये हैं, आपकी बेटी भूल आयी हैं।
कार में बैठी औरत ने कहा- तुम रख लों, उस बच्ची ने बड़ी ही मीठी और सभ्यता से कहा- नही आंटी जी हमारे जितने पैसे बनते थे हमने ले लिये।
हमें, हम इसे नही रख सकते। मैं आपकी आभारी हूं, आप हमारी दुकान पर आए। आशा करती हूं, की सब्जी आपको अच्छी लगे, जिससे आप हमारें ही दुकान पर हमेशा आएं, उस लड़की ने हाथ जोड़े और अपनी दुकान लौट गयी।
कार में बैठी महिला उस लड़की से बहुत प्रभावित हुई और कार से उतर कर फिर सब्जी की दुकान पर जाने लगी।
जैसें ही वहाँ पास गयी, सब्जी वाली अपनी बच्ची को पूछते हुए- तुमने तमीज से बात की ना, कोई शिकायत का मौका तो नही दिया ना ??
बच्ची ने कहा- हाँ माँ मुझे आपकी सिखाई हर बात याद हैं- कभी किसी बड़े का अपमान मत करो, उनसे सभ्यता से बात करो, उनकी कद्र करो, क्यूंकि बड़े_बुजर्ग बड़े ही होते हैं, मुझे आपकी सारी बात याद हैं, और मैं सदैव इन बातों का स्मरण रखूगी।
बच्ची ने फिर कहा- अच्छा माँ अब मैं स्कूल चलती हूं, शाम में स्कूल से छुट्टी होते ही, दुकान पर आ जाऊंगी।
कार वाली महिला शर्म से पानी पानी थी। क्यूंकि एक सब्जी वाली अपनी बेटी को, इंसानियत और बड़ों से बात करने, शिष्टाचार करने का पाठ सीखा रही थी, और वो अपने अपनी बेटी को छोटा-बड़ा ऊंच-नीच का मन में बीज बो रही थी।
#गौर_करना_दोस्तों, - "सबसे अच्छा तो वो कहलाता हैं, जो आसमान पर भी रहता है, और जमीन से भी जुड़ा रहता है।"
"बस इंसानियत, भाईचारें, सभ्यता, आचरण, वाणी में मिठास, सब की इज्जत करने की सीख दीजिए अपने बच्चों को, क्यूंकि अब बस यही पढ़ाई है जो आने वाले समय में बहुत ही ज्यादा ही मुश्किल होगी, इसे पढ़ने इसे याद रखने, इसे ग्रहण करने में, और जीवन को उपयोगी बनानें में.....!"