क्यों कहते है कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली ? क्यो मनाई जाती है देव दीपावली ?

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क्यों कहते है कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली ? क्यो मनाई जाती है देव दीपावली ? - कार्तिक मॉस की पूर्णिमा तिथि को भगवान् शिव की नगरी काशी यानि की बनारस में देव दीपावली मनाई जाती है। देव दीपावली के दिन भगवान् शिव और गंगा माता की पूजा की जाती है। संध्या के समय गंगा आरती होती है।देव दीपावली के सन्दर्भ में दो पौराणिक कथाये मिलती है। इसमें एक कथा महर्षि विश्वामित्र और दूसरी भगवान् शिव से जुडी है।

देव दीपावली की पहली कथा - यह कथा महर्षि विश्वामित्र से जुडी है। पौराणिक कथाओ के अनुसार , एक बार विश्वामित्र जी ने देवताओ की सत्ता को चुनौती दे दी। उन्होंने अपने तप के बल से त्रिशंकु को सशरीर स्वर्ग भेज दिया ,यह सब देखकर देवता अचंभित रह गए। विश्वामित्र जी ने ऐसा करके उनको एक प्रकार से चुनौती दे दी थी। इस पर देवता त्रिशंकु को वापस पृथ्वी पर भेजने लगे ,जिसे विश्वामित्र ने अपना अपमान समझा। उनको यह हार स्वीकार नहीं थी।

तब विश्वामित्र जी ने अपने तपोबल से उसे हवा में ही रोक दिया फिर नया स्वर्ग और सृष्टि की रचना करना प्रारम्भ कर दी।उन्होंने कुश, मिट्टी, ऊंट, बकरी-भेड़, नारियल, कोहड़ा, सिंघाड़ा आदि की रचना का क्रम प्रारंभ कर दिया। इसी क्रम में विश्वामित्र ने वर्तमान ब्रह्मा विष्णु महेश की प्रतिमा बनाकर उन्हें अभिमंत्रित कर उनमें प्राण फूंकना आरंभ किया। तब सारी सृष्टि डांवाडोल हो उठी। हर तरफ कोहराम मच गया। इससे देवता भयभीत हो गए।

 देवताओ ने अपनी गलती की क्षमायाचना तथा विश्वामित्र को मानाने के लिए उनकी स्तुति आरम्भ कर दी। अंततः देता सफल हुए और फिर विश्वामित्र उनकी प्रार्थना से प्रसन्न हो गए। उन्होंने दूसरे स्वर्ग और सृष्टि की रचना बंद कर दी इससे सभी देवता प्रसन्न हुए और उस दिन उन्होंने दीपावली मनाई जिसे देव दीपावली कहा गया।

देव दीपावली की दूसरी कथा - देव दीपावली की दूसरी कथा भगवान् शिव से जुडी है। पौराणिक कथा के अनुसार ,एक समय तीनो ही लोक त्रिपुर नामक राक्षस के अत्याचारों से भयभीत और दुखी थे। उससे रक्षा के लिए देवता भगवान् शिव की शरण में गए। तब भगवान् ने कार्तिक मॉस की पूर्णिमा की तिथि को त्रिपुरा सुर का वध कर दिया और तीनो लोको को उसके भय से मुक्त कर दिया। उस दिन से ही देवता हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को भगवान् शिव के विजय पर्व के रूप में मानाने लगे। उस दिन सभी देव दीपक जलाते है इस दिन के दीपोत्सव को देव दीपावली कहते है।

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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