Avoid False Compliments | Motivational Videos In Hindi | झूठी तारीफों का पर्दा आँखों पर पड़ जाना
Avoid false compliments | motivational videos in Hindi | झूठी तारीफों का पर्दा आँखों पर पड़ जाना - तारीफ सुनना किसकोअच्छा नहीं लगता लेकिन वही झूठी तारीफों का पुल बांध दिया जाये और झूठी तारीफों का पर्दा आँखों पर पड़ जाये तो वही आदमी अपना रास्ता भटक जाता है। एक बार की बात है एक राजा हुआ करते थे जो की बहुत ही दयालु थे औरअपनी प्रजा का बहुत ही ख्याल रखते थे। प्रजा भी उनसे बहुत खुश थी। राजा की एक छोटी बेटी भी थी राजा को काम करते हुए बेटी भी देखा करती थी अब राजा धीरे - धीरे बूढ़े होते जा रहे थे ,और राजकुमारी बड़ी।
एक समय ऐसा आया की राजा ने काम करना बन्द कर दिया था और राज्य की सारी जिम्मेदारी राजकुमारी को दे दी। राजकुमारी राज्य को सँभालने लगी। लेकिन राजकुमारी में एक कमी थी। राजकुमारी को गुस्सा बहुत आता थ। उनकेअंदर बहुत ज्यादा क्रोध भरा रहता था।और वे बहुत जल्दी गुस्सा हो जाया करती थी। और राजकुमारी को यह बात बताने में प्रजा को बहुत ज्यादा डर भी लगता था और कोई बताना नहीं चाहते थे। कोई उससे ये नहीं कहना चाहते थे की आप को इतना गुस्सा क्यों आता है।
सब उनसे डरते थे की राजकुमारी को कही ये बात पता चले तो वे कही किसी को सजा न दे दे। ऐसे ही जब भी राजकुमारी जब भी अपने राज्य में भर्मण करने के लिए जाया करती तो उसकी झूटी तारीफों का पुल बांध देते ,तो राजकुमारी उनसे बहुत ही प्रसन्न होती औरउन्हें हे उपहार देती कभी स्वर्ण मुद्राये देती तो कभी कर माफ़ कर देती तो कभी जमीन दान देती। इसी प्रकार से राजकुमारी अपना काम करती रहती,अपनी झूठी तारीफ सुनना बहुत ही अच्छा लगता था।
एक बार राजकुमारी जंगल में शिकार खेलने गयी उसने देखा की एक सुनसान जगह पर एक साधु बाबा बैठा है उसने सोचा की इस सुनसान जगह पर वह क्यों बैठे है और अपनी तारीफ सुनने की लालसा से वह साधु बाबा के पास गयी और बात - चीत की काफी देर हो गयी ,जब बात - चीत करते - करते तो राज कुमारी को जब अपनी तारीफ सुनने को नहीं मिली, बोली की अच्छा बाबा आप मुझे ये बताईये की आपको मुझे देखकर क्या लग रहा है ? आप मेरे बारे में क्या सोच रहे है ?
बाबा ने बोला की आप एक राज की राजकुमारी है, तो ये सुनकर राजकुमारी को गुस्सा आ गया ,की ये तो सभी जानते है इसमें ये क्या बता रहे है बाबा मैं ये नहीं सुनना चाहती हूँ।आप मुझे देखिये और मेरे बारे में कुछ बोलिये। बाबा का एक ही जबाब था की आप एक राज की राजकुमारी है। अब ये सुनकर राजकुमारी को बहुत गुस्सा आ गया और उन्होंने बाबा को कैद कर लिया और कैद खाने में डाल दिया। अब हर दिन जाती और पूंछती की बाबा आप मेरे बारे में क्या सोचते है ? बाबा का हर बार एक ही जबाब रहता की आप “एक राज की राजकुमारी है।“
यह जबाब सुनकर राजकुमारी का गुस्सा और भी बढ़ता जाता , तब गुससे में राजकुमारी ने बाबा को कोड़े से मारना शुरू कर दिया।जब ये बात राजा तक पहुंचीकी बाबा को कैद किया और कोड़े से मार रही है। तब राजा को बहुत ख़राब लगा और राजा को बहुत ख़राब लगा। राजा ने तुरंत बाबा को बाहर निकलवाया और राजा ने क्षमा मांगी और मेरी बेटी से गलती हो गयी है दरअसल वो कुछ सुनना चाहती थी आप उनके बारे में क्या सुनना चाहती थे आप ने अपने बारे में कुछ सुनना चाहती थी मैं भी ये सुनना चाह्ता हूँ।
बाबा ने राजा से कहा की - जो लोग राजकुमारी की तारीफ करते है उन्हें राजकुमारी से काम था वे धन लेना चाहती थे वे राजकुमारी से अपना काम निकलवाना चाहती थे। इसलिए वे राजकुमारी की तारीफ करते थे बाबा ने राजकुमारी के बारे में सचाई नहीं बताई की उन्हें गुस्सा बहुत आता है छोटी - छोटी बातो में गुस्सा हो जाती है। मैं एक साधु हूँ मुझे राजकुमारी से तो कोई लालच ही नहीं है ,मुझे धन का भी लोभ नहीं है मुझे कुछ चाहिए ही नहीं। इसलिए राजकुमारी को देखकर लगा वो मैंने कह दिया।
जब राजकुमारी ने बाबा के मुख से ये बात सुनी तो राजकुमारी को बहुत ही दुःख हुआ। है अभी तक तो ऐसा ही हो रहा था लीग उनकी तारीफ करते जा रहे थे और धन जमीन और उनकी जरुरत की चीजों को दे रही थी।लोगो के कर ,स्वर्ण मुद्राये और जमीन दिए जा रही थी। राजकुमारी को जब ये बात समझ में आयी तो झूठी तारीफों का पर्दा अपनी आँखों पर नहीं डालना है बल्कि अपने गुस्से को कम करना है ,अपने अंदर की कमी को कम करना है।
उस दिन से राजा की ही तरह राज को संभालना शुरू कर दिया। ऐसे ही होता है हम लोगो के साथ भी हमलोगो के आस - पास ऐसे ही लोग होते है। हम लोगो के अंदर की कमियों को जानते है और अच्छे से पहचानते है और जानते है कि कैसे इसका इस्तेमाल कर सकते है। और बार - बार आपने पास आएंगे और तारीफों के पुल बन्दर है और अपना काम निकलवा लेते है। हमे अपने अंदर की कमी को समझ कर उसको दूर करने की कोशिश करनी है और ऐसे लोगो से भी दूर रहना है।