सोनिया गाँधी जीवन परिचय |सोनिया गाँधी की शिक्षा | सोनिया गाँधी का राजनीतिज्ञ कैरियर|
सोनिया गाँधी जीवन परिचय |सोनिया गाँधी की शिक्षा |सोनिया गाँधी का राजनीतिज्ञ कैरियर|
सोनिया गाँधी, इटली (Italy) में जन्मी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने सन 1998 के बाद से “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी” की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. वे भारत के “पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी” जी की पत्नी हैं, जोकि नेहरु – गाँधी परिवार से सम्बन्ध रखते थे। सन 1991 में सोनिया गाँधी के पति की हत्या के बाद, कांग्रेस के नेताओं द्वारा उन्हें सरकार में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया गया था, किन्तु उन्होंने इसके लिए इंकार कर दिया। उन्हें सार्वजानिक रूप से पार्टी द्वारा लगातार उकसाया जाने लगा, फिर भी वे राजनीती से दूर रहीं। फिर कुछ समय बाद वे सन 1997-1998 में राजनीती से जुड़ने के लिए राजी हो गई, और वे कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष चुनी गई।
इसके बाद उन्होंने सन 2004 के बाद से लोकसभा में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। सितम्बर सन 2010 में, चौथी बार पुनः निर्वाचन में, वे कांग्रेस पार्टी के 125 साल के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक सेवारत अध्यक्ष बनी रहीं। सोनिया गाँधी का विदेशी मूल का होकर भारतीय राजनीती में कदम रखना बहुत से विवाद और बहस का विषय रहा है। इसके अलावा सोनिया गाँधी की इटली के एक व्यापारी जिन पर बोफोर्स कांड में एक बिचौलिया होने का आरोप लगाया गया था, के साथ कथित दोस्ती होने के कारण भी वे विवादों से घिरी थी। हालांकि सोनिया 5 वीं और सन 1947 में आजादी के बाद पहली विदेशी मूल की महिला रहीं, जोकि कांग्रेस पार्टी की नेता बनी।
सोनिया गाँधी का जन्म और उनका परिवार (Sonia Gandhi family) –
सोनिया गाँधी का पूरा नाम अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है। इनका जन्म 9 दिसम्बर सन 1946 को इटली के लूसिआना शहर के कॉनट्रडा मैनी जिला/क्वाटर के वेनेटो में विसेन्ज़ा से 30 किमी दूर एक छोटे से गाँव में हुआ, जहाँ वे अपने परिवार के साथ रहती थीं। उनके परिवार का नाम “मैनो” है, उनका परिवार वहाँ कई पीढ़ियों से रह रहा है। इन्होंने अपनी युवास्था ओर्बस्सानो में व्यतीत की, इसके बाद टूरिन के पास एक शहर है, जहाँ एक पारंपरिक रोमन कैथोलिक परिवार में ये पली बढ़ी और वहीं के एक कैथौलिक स्कूल का वे हिस्सा बनी। इनके पिता स्तेफेनो मैनो, जोकि ओर्बस्सानो में ही एक छोटे से व्यापार के मालिक थे। इनके पिता स्तेफेनो ने द्वितीय विश्व युद्ध में पूर्वी मोर्चे पर, एडोल्फ हिटलर के साथ सोवियत सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्हें बेनिटो मुसोलिनी का एक वफादार समर्थक और इटली के राष्ट्रीय फासिस्ट पार्टी कहा जाता था। सन 1983 में इसके पिता की मृत्यु हो गई, उनकी माँ और दो बहनें अब भी ओर्बस्सानो में ही रह रहीं हैं।
सोनिया गाँधी की शिक्षा और शुरुआती जीवन (Sonia Gandhi Education) –
सन 1964 में सोनिया गाँधी, कैम्ब्रिज शहर में “बेल एजुकेशन ट्रस्ट के भाषा स्कूल” में अंग्रेजी का अध्ययन करने के लिए चली गई। सन 1965 में एक ग्रीक रेस्तरां में उनकी मुलाकात राजीव गाँधी जी से हुई, जिन्होंने “कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय” के “ट्रिनिटी कॉलेज” में दाखिला लिया था. दरअसल सोनिया सन 1965 में कैम्ब्रिज के एक “स्माल लैंग्वेज कॉलेज” में छात्रा थीं, उसी विश्वविद्यालय के रेस्तरां में वे एक वेट्रेस के रूप में काम किया करती थीं। तब वहाँ उनकी मुलाकात एक सुंदर युवा इंजीनियरिंग छात्र से हुई, जोकि राजीव गाँधी ही थे। कुछ समय पश्चात सन 1968 में सोनिया ने राजीव गाँधी से हिन्दू धर्म के अनुसार शादी की, उसके बाद वे भारत आकर अपने ससुराल में अपनी सास और भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी के साथ रहने लगीं।
इनके दो बच्चे हुए, एक बेटा राहुल गाँधी जिनका जन्म सन 1970 में हुआ और एक बेटी प्रियंका गाँधी जिनका जन्म सन 1972 में हुआ। सोनिया और राजीव गाँधी दोनों ही अपने परिवार से जुड़े राजनीति कैरियर से दूर रहते थे। राजीव गाँधी एयरलाइन पायलट में काम किया करते थे और सोनिया घर में अपने परिवार की देखभाल किया करती थीं। सन 1977 में जब इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थी, तब देश में आपातकाल लगने के दौरान, राजीव ने परिवार के साथ कुछ समय के लिए विदेश में रहने का विचार किया। राजीव गाँधी के छोटे भाई संजय गाँधी की एक विमान दुर्घटना में 23 जून सन 1980 में मृत्यु हो गई, उसके बाद 1984 में इंदिरा गाँधी की मौत के बाद, राजीव गाँधी ने राजनीती में प्रवेश करने का फैसला किया। सोनिया अपने परिवार की ही देखभाल में लगी रहीं और जनता के सम्पर्क से बची रहीं।
सोनिया गाँधी का राजनीतिज्ञ कैरियर (Sonia Gandhi political career) –
सोनिया गाँधी की भारतीय सार्वजानिक जीवन के साथ भागीदारी की शुरुआत उनकी सास की हत्या और उनके पति के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद हुई। प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में सोनिया ने सरकारी परिचारिका के रूप में काम किया और कई राज्यों के दौरे में वे अपने पति के साथ गईं। सन 1984 में उन्होंने अपने पति की भाभी मेनका गाँधी के खिलाफ अभियान चलाया, जोकि अमेठी में राजीव के साथ चल रहा था। राजीव गाँधी के 5 साल के कार्यकाल के अंत में वे बोफोर्स कांड से बाहर हो गए। सोनिया गाँधी की इटली के एक व्यापारी जिन पर बोफोर्स कांड में एक बिचौलिया होने का आरोप लगाया गया, के साथ कथित दोस्ती होने के कारण वे विवादों में आ चुकी थीं।
अप्रैल सन 1983 में भाजपा ने सोनिया पर यह आरोप लगाया, कि नई दिल्ली की मतदाता सूची पर, पूर्व भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सोनिया ने भारतीय कानून का उल्लंघन किया है. पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता और भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने कहा कि 27 अप्रैल सन 1983 में सोनिया ने ईटालियन एम्बेसी में अपने इटालियन पासपोर्ट का आत्मसमर्पण कर दिया है। ईटालियन कानून ने सन 1992 तक दोहरी राष्ट्रीयता की अनुमति नही दी। सन 1983 में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से उन्होंने स्वाचालित रूप से ईटालियन नागरिकता खो दी।
सन 1991 में राजीव गाँधी की हत्या कर दी गई, और उसके बाद सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने के लिए इंकार कर दिया, फिर पार्टी के लोगों ने पी वी नरसिम्हा राव को चुना, जोकि पहले नेता और बाद में प्रधानमंत्री बने। कुछ सालों के बाद हालांकि कांग्रेस पार्टी सन 1996 में चुनाव हार गई। कुछ सीनियर अध्यक्ष जैसे माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, ममता बेनर्जी, जी.के. मूपनर, पी. चिदंबरम और जयंती नटराजन, इसके आलावा और भी कई वरिष्ठ नेताओं ने निवर्तमान राष्ट्रपति सीताराम केसरी के खिलाफ खुला विद्रोह किया, और इनमें से कुछ ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस कई भागों में बंट गया।
कांग्रेस पार्टी को वापस से जोड़ने के लिए, सोनिया जी सन 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं और सन 1998 में पार्टी की नेता बन गईं। मई सन 1999 में पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं (शरद पवार, पी.ए. संगमा और तारिक अनवर) ने भारत के प्रधानमंत्री बनने की कोशिश करने के लिए सोनिया को चुनौती दे दी। उसके जवाब में सोनिया ने पार्टी के नेता से इस्तीफा देने की पेशकश की, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी के बाकि लोगों ने उनका सपोर्ट किया और उन नेताओं को बाहर कर दिया।
सोनिया गाँधी की उपलब्धियां (Sonia Gandhi Achievements) –
सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की –
* 62 दिनों के अन्दर प्राथमिक सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद, सोनिया को पार्टी के प्रेसिडेंट पद के लिए खड़ा होने को कहा गया, जोकि उन्होंने स्वीकार कर लिया।
* उसके बाद वे सन 1999 में ही बेल्लारी, कर्णाटक और अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ीं। वे दोनों सीटें जीती, किन्तु उन्होंने अमेठी को चुना। बेल्लारी में, इन्होंने भाजपा नेता सुषमा स्वराज को हराया था।
* सन 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री पद के तहत भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल के दौरान, सोनिया 13 वें लोकसभा में विपक्ष की नेता चुनी गईं।
* विपक्ष के नेता के रूप में अपनी क्षमता से उन्होंने सन 2003 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया। सोनिया गाँधी ने कांग्रेस पार्टी की लम्बे समय तक सेवा कर अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड बनाया।
* सन 2004 के आम चुनाव में, भाजपा के “भारत उदय (इंडिया शाइनिंग)” के नारे का मुकाबला करने के लिए सोनिया गाँधी ने “आम आदमी” के नारे के साथ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।
* सन 2004 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से बहुत अच्छे मार्जिन से वोट इकठ्ठे कर वे चुनाव में विजय हुईं। उन्होंने 15 – पार्टी गठबंधन सरकार का गठन किया और उसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) नाम दिया।
* सोनिया गाँधी को अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद थी, किन्तु उन्हें उनके विदेशी मूल के होने के कारण राजग से कट्टर विरोध का सामना करना पड़ा। फिर उन्होंने भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह को नियुक्त किया।
* सोनिया ने लोकसभा से और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) के अध्यक्ष के रूप में 23 मार्च सन 2006 को अपने इस्तीफे की घोषणा की, और कुछ विवादों से भी घिरी रहीं।
* इसके बाद सोनिया सन 2006 में ही रायबरेली से एक बहुत बड़े वोटों के मार्जिन के साथ पुनः निर्वाचित हुईं। इसी दौरान अपने संप्रग सरकार के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कार्यकाल के रूप में, सोनिया ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना अधिकार अधिनियम के क़ानून को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
* 2 अक्टूबर सन 2007 को महात्मा गाँधी के जन्म दिवस के दिन सोनिया ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई सन 2007 को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद, इस दिन को अहिंसा के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
* सन 2009 में हुए आम चुनाव में लोकसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार 206 सीटें जीतने के साथ वापस से सत्ता में आई। यह सन 1991 के बाद अब हुआ था कि कोई पार्टी इतनी सीट जीतकर सत्ता में आई है। इस बार भी मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया गया।
* सन 2013 में सोनिया पहली थीं, जोकि 15 साल तक लगातार कांग्रेस की अध्यक्ष बनी रहीं. इसी साल सोनिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के समर्थन की निंदा की और LGBT अधिकार का समर्थन किया।
* सन 2014 के आम चुनाव में सोनिया ने रायबरेली में अपनी सीट आयोजित की। हालांकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 44 और कांग्रेस –लेड संप्रग चुनावी गठबंधन ने 59 सीट प्राप्त कर आम चुनाव में दोनों ने बहुत ही खराब परिणाम हासिल किया।
सोनिया गाँधी की विवादास्पद स्थिति
सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में कई विवादास्पद स्थितियों का सामना किया।
(1) बोफोर्स कांड के दौरान एक विदेशी व्यापारी के साथ उनकी दोस्ती थी, जिसके कारण वे विवादों से घिरी रहीं।
(2) सन 1980 में सोनिया ईटालियन नागरिक होने के बावजूद भी उनका नाम दिल्ली की मतदाता सूची में दिखाई दिया, जोकि भारतीय कानून के खिलाफ हैं।
(3) यही मुद्दा सन 1983 में फिर से सामने आया, जब इनका नाम मतदाता सूची में दिखाई दिया, क्यूकि जनवरी सन 1983 में पंजीकरण के लिए समय सीमा तय की गई थी और अप्रैल सन 1983 में सोनिया को भारतीय नागरिकता प्राप्त हुई।
(4) सोनिया पर कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेता शरद पवार, तारिक अनवर और पी.ए. संगमा ने, मई सन 1999 में प्रधानमंत्री के पद के लिए उनकी क्षमता पर सवाल उठाया। इसके बाद सोनिया ने पार्टी के अध्यक्ष के अधिकार से उन तीनों नेताओं से इस्तीफा देने को कहा। पार्टी के लोगों ने उनका समर्थन कर उन तीनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
सोनिया गाँधी का सम्मान और मान्यता (Sonia Gandhi Awards) –
सोनिया गाँधी को उनके जीवन में कई सम्मान और मान्यता प्राप्त हुई जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं-
(1) सन 2004 में, सोनिया गाँधी का नाम दुनिया की सबसे ताकतवर महिला के रूप में फोर्ब्स पत्रिका में उल्लेख किया गया।
(2) सन 2006 में, सोनिया गाँधी ने “ब्रसेल्स विश्वविद्यालय” से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
(3) सन 2006 में, सोनिया को बेल्जियम की सरकार द्वारा ‘सम्राट लियोपोल्ड’ के साथ सम्मानित किया गया।
(4) सन 2007 में, सोनिया का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की 6वीं ताकतवर महिला के रूप में आया।
(5) सन 2007 और 2008 के समय में सोनिया दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों में से एक थीं।
(6) सन 2008 में, सोनिया को “मद्रास विश्वविद्यालय” से साहित्य में डॉक्टरेट की मान्यता प्राप्त हुई।
(7) सन 2009 में, सोनिया का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की 9 ताकतवर महिलाओं में से एक था।
(8) सन 2010 में, ब्रिटिश पत्रिका के एक स्टेटमेंट में, दुनिया के 50 सबसे प्रतिभाशाली लोगों के बीच सोनिया के स्थान का उल्लेख किया गया।
(9) सन 2012 में, फोर्ब्स पत्रिका में सोनिया का नाम दुनिया की 12वीं ताकतवर महिला के रूप में आया।
(10) सन 2013 में, सोनिया गाँधी को कुल मिलाकर 21वा और फोर्ब्स ताकतवर सूची में तीसरी सबसे ताकतवर महिला का स्थान दिया गया।
सोनिया गाँधी की पुस्तकों की विशेषता
सोनिया गाँधी पर कुछ महान लेखकों द्वारा पुस्तकें भी लिखी गई। सोनिया गाँधी को भी लिखने का बहुत शौक है उन्होंने अपने जीवन में कुछ पुस्तकें भी लिखीं।
- रानी सिंह नामक लेखिका ने सोनिया गाँधी के जीवन के बारे में बताते हुए ‘सोनिया गाँधी : एन एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ एन इंडियन डेस्टिनी’ नामक पुस्तक लिखी।
- नुरुल इस्लाम सरकार द्वारा ‘सोनिया गाँधी : ट्रिस्ट विथ इंडिया’ नामक पुस्तक लिखी गई।
- रशीद किदवई द्वारा ‘सोनिया गाँधी : बायोग्राफी’ नामक पुस्तक लिखी गई।
- सोनिया गाँधी ने “टू अलोन, टू टुगेदर” नामक पुस्तक लिखी। इसके अलावा इन्होंने कुछ और पुस्तकें भी लिखीं।
- इस तरह सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में बहुत से उतार – चढ़ाव का सामने किया और एक सफल महिला के रूप में अपने आप को व्यक्त किया।
सोनिया गाँधी के बारे में ताजा अपडेट (Sonia Gandhi Current News in Hindi)
सोनिया गाँधी दिसंबर 2017 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से हट गईं। और अपने स्थान पर राहुल गाँधी को इस पदभार को संभालने के लिए उनका राजतिलक किया। लेकिन उन्होंने संसदीय समिति का नेतृत्व करना जारी रखा। हालाँकि उन्होंने आजतक भारत सरकार के किसी भी सार्वजनिक पद को नहीं संभाला।
सन 2010 में यूपीए सरकार द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के 12 हेलीकॉप्टर खरीदने की डील की गई थी, जिसे रिश्वत लेनदेन के मामले के चलते सन 2014 में खत्म कर दिया गया था। इस डील में प्रमुख बिचौलिये क्रिस्टियन मिशेल को पिछले साल यानि सन 2017 में मनी लॉन्डरिंग के केस में गिरफ्तार कर लिया गया था, उन्होंने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सामने यह खुलासा किया है कि इसमें सोनिया गाँधी एवं उनके बेटे राहुल गाँधी भी शामिल है। और उनका यह भी कहना है कि ‘वे कैसे देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं ?’ इस खबर से सोनिया गाँधी एवं उनके परिवार को काफी विवादों का सामना करना पड़ रहा है
इसके अलावा हालही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित फिल्म “द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर” का ट्रेलर लांच किया गया है जिसके चलते यह विवादों में घिरी हुई है। इस फिल्म के ट्रेलर में सोनिया गाँधी एवं कांग्रेस पार्टी के चलचित्र को भी दर्शाया गया है। अब सोनिया गाँधी एवं उनके बेटे राहुल गाँधी की इस पर क्या प्रतिक्रिया होती है यह जल्द ही आपके सामने आयेग।
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Article Posted By: Manju Kumari
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