गृह प्रवेश एक हिंदू समारोह है ,अपने ईष्ट देवो को आमन्त्रित किया जाता है और आशीर्वाद लिया जाता है
गृह प्रवेश एक हिंदू समारोह है ,अपने ईष्ट देवो को आमन्त्रित किया जाता है और आशीर्वाद लिया जाता है। यह तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति पहली बार अपने नए घर में प्रवेश करता है।
यह समारोह एक शुभ दिन पर किया जाता है, जिसे गृह प्रवेश मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, नए घर या संपत्ति में प्रवेश करने के लिए शुभ तिथि और समय का चयन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसमें रहने वालों के लिए सौभाग्य, सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि लाता है।
नए घर में गृह प्रवेश कराना है जरूरी
हवन करने से ग्रहों के हानिकारक प्रभाव और किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव दूर रहते हैं और घर में सुख और शांति बनी रहती है। ऐसे में सभी लोग नए घर में जाने से पहले घर की पूजा करते हैं। इस दौरान हम भगवान गणेश, भगवान सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं।
गृह प्रवेश क्यों किया जाता है?
गृह प्रवेश, पूजा (Griha Pravesh pooja) एक अत्यंत पवित्र पूजा है जो घर की रक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा के लिए भारतीय देवी-देवताओं से आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है।
गृह प्रवेश में किसकी पूजा होती है?
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए गणेश जी के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें। रसोई घर में भी पूजा करनी चाहिये। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।
गृह प्रवेश के लिए ज़रूरी पूजा सामग्री में ये चीज़ें शामिल हैं
कलश, नारियल, साफ पानी, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अगरबत्ती, पांच शुभ चीज़ें, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, दूध, रोली या कुमकुम,मौली, जनेऊ,बिना उबला हुआ दूध,देसी घी,पांच तरह का मीठा,पांच तरह के फल,फूल और फूलों की माला,हवन सामग्री,रुई,पीला कपड़ा,लाल कपड़ा
कपूर |
गृह प्रवेश के लिए ये नियम भी हैं:
- घर में प्रवेश करते समय गणपति की स्थापना और वास्तु पूजा अवश्य करनी चाहिए.
- पहली बार घर में प्रवेश करते समय दाहिना पैर आगे की ओर रखें.
- वास्तु पूजा के बाद घर के मालिक को पूरे भवन का चक्कर लगाना चाहिए.
- स्त्री को जल से भरा कलश लेकर पूरे घर में घूमना चाहिए और हर जगह फूल लगाना चाहिए.