कावड़ कितने प्रकार की होती है
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कावड़ मुख्यतः चार प्रकार की होती है:
1. *डाक कावड़*:
- डाक कावड़ सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। इसमें यात्री बिना रुके और बिना सोए गंगाजल लेकर सीधे अपने गंतव्य तक पहुँचते हैं।
- इस कावड़ में यात्रा तेज गति से की जाती है, इसलिए इसे 'डाक' कावड़ कहा जाता है।
2. *बोल बम कावड़*:
- बोल बम कावड़ यात्रा के दौरान यात्री "बोल बम" का उद्घोष करते हुए चलते हैं।
- इस यात्रा में भक्त गंगाजल लेकर पैदल चलते हैं और शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए ले जाते हैं।
- कुंभ कावड़ में यात्री दो बर्तनों (कुंभ) में गंगाजल भरते हैं और इसे एक लकड़ी या बांस के डंडे के दोनों सिरों पर बांधते हैं।
- इसे यात्री अपने कंधे पर रखकर चलते हैं।
4. *खड़ी कावड़*:
- खड़ी कावड़ में यात्रियों को यात्रा के दौरान एक विशिष्ट विधि से कावड़ को सीधा रखना होता है।
- इसे खड़ी स्थिति में रखते हुए यात्रा करना होता है, और यात्रा के दौरान इसे किसी भी स्थिति में जमीन पर नहीं रखा जाता।
ये कावड़ यात्रा के प्रकार यात्रियों की धार्मिक आस्था, शारीरिक क्षमता और अनुशासन के अनुसार चयन किए जाते हैं। हर प्रकार की कावड़ यात्रा में विशेष प्रकार की चुनौतियाँ और नियम होते हैं, जिन्हें भक्त अपनी श्रद्धा और समर्पण के साथ पालन करते हैं।